व्यक्ति की कुंडली के अलग-अलग भावों में जब राहु मौजूद होता है.राहु व्यक्ति को शुभ फल भी प्रदान करता है.
When Rahu Gives Auspicious Result : नवग्रहों की जब चाल बदलती है तो यह आपके जीवन में कई तरह के बदलाव लेकर आता है. कई लोगों के जीवन में इसका शुभ प्रभाव देखने को मिलता है, वहीं कई लोगों के जीवन में अशुभ प्रभाव दिखाई देता है. वहीं बात करें राहु की तो इसे ज्योतिष शास्त्र में पापी ग्रह और अशुभता का सूचक माना गया है. बावजूद इसके यह ग्रह आपको शुभ फल प्रदान करता है. ऐसा कब होता है आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
राहु कब देता है शुभ फल?
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि, व्यक्ति की कुंडली के अलग-अलग भावों में जब राहु मौजूद होता है तो उसके स्थान में बदलाव आते हैं. इन बदलावों के अनुसार ही राहु व्यक्ति को शुभ फल प्रदान करना शुरू कर देता है.
नक्षत्र का भी है महत्व
यदि व्यक्ति की कुंडली में या किसी राशि में आद्रा, स्वाति और शतभिषा नक्षत्र का निर्माण हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में राहु आपको शुभ फल प्रदान करता है. क्योंकि, इन तीनों नक्षत्रों का स्वामी राहु ही है.
राहु की छाया
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा हो और चंद्रमा का मुंह सूर्य की ओर हो, ऐसी स्थिति में उसकी छाया पृथ्वी पर पड़ती है. ऐसे में इस छाया का प्रतिनिधित्व राहु ग्रह करता है और उस अवधि में चंद्रमा जिस राशि की कुंडली में मजबूत होता है उसे राहु शुभ प्रदान करता है.
इस राशि को होता है लाभ
राहु 42 साल की उम्र के बाद अच्छे फल प्रदान करना शुरू कर देता है. वहीं 12 राशियों में से सिर्फ एक राशि ऐसी है जिसे राहु शुभ फल हमेशा प्रदान करता है. यह राशि है मिथुन और वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मिथुन राशि में राहु उच्च स्थान पर है.
FIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 22:22 IST
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