Last Updated:
Hinglaj Mata Mandir In Pakistan: पाकिस्तान में हिंगलाज माता का मंदिर बहुत प्रसिद्ध और नवरात्रि के दिनों में यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है. हिंगलाज माता के मंदिर, को हिंगला माता या नानी पीर के नाम …और पढ़ें

हिंगलाज माता का शक्तिपीठ
हाइलाइट्स
- हिंगलाज माता का मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है.
- यह मंदिर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लिए आस्था का केंद्र है.
- हिंगलाज माता का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ANI के पॉडकास्ट में सरहद पार पाकिस्तान के शक्तिपीठ हिंगलाज भवानी का जिक्र करते हुए भावुक हो गए. आपको बता दें कि हिंगलाज माता का मंदिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है. यह मंदिर कभी भारत में होता था लेकिन भारत-पाक युद्ध के बाद हिंगलाज माता का मंदिर पाकिस्तान के हिस्से में चला गया. हिंगलाज माता का मंदिर अब मुस्लिम राष्ट्र में है लेकिन इस पवित्र मंदिर की मान्यता अभी भी कम नहीं हुई है. यह मंदिर भले ही हिंदू देवी को समर्पित हो लेकिन यहां मुस्लिम भक्त भी श्रद्धा से अपना सिर झुकाते हैं. आइए जानते हैं पाकिस्तान के हिंगलाज माता मंदिर के बारे में…
विशालकाय गुफा में स्थित है माता का यह मंदिर
पॉडकास्ट में सीएम योगी ने कहा था कि साल 1947 से पहले पाकिस्तान और बांग्लादेश में भारत के हिस्से थे. हम उस सच्चाई को कैसे भूल सकते हैं.. क्या पाकिस्तान में हमारी हिंगलाज माता का मंदिर नहीं है… क्या बांग्लादेश में माता ढाकेश्वरी का मंदिर नहीं है. हिंगोल नदी और चंद्रकूप पहाड़ पर हिंगलाज माता का मंदिर स्थित है. पहाड़ियों की तलहटी में एक विशालकाय गुफा है, जहां माता अपने भक्तों को दर्शन देती हैं. इतिहास में हिंगलाज माता के मंदिर को 2000 साल से पुराना बताया गया है.
नानी पीर के नाम से भी प्रसिद्ध है यह मंदिर
हिंगलाज माता का मंदिर पाकिस्तान की वैष्णो देवी के नाम से प्रसिद्ध है. शास्त्रों के अनुसार, यहां पर देवी सती का ब्रह्मरंध्र (मस्तिष्क) गिरा था. इस मंदिर को हिंगुला देवी, नानी का मंदिर या नानी पीर के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर हिंदुओं के साथ साथ वहां के मुस्लिम समुदाय के बीच भी आस्था का केंद्र बना हुआ है और एक साथ इस शक्तिपीठ के देखरेख भी करते हैं. नवरात्रि के 9 दिनों में यहां पर विशेष धार्मिक आयोजन किए जाते हैं. पाकिस्तान के लाखों सिंधी और हिंदू माता के दर्शन करने के लिए यहां आते रहते हैं.
भगवान राम भी यहां आकर कर चुके हैं दर्शन
मान्यता है कि रावण का वधन करने के बाद ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति के लिए भगवान श्रीराम ने भी हिंगलाज शक्तिपीठ के दर्शन किए थे. साथ ही भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ने भी यहां पर घोर तपस्या की थी. परशुराम के अलावा मनोरथ सिद्धि के लिए गुरुनानक देव, दादा मखान और गुरु गोरखनाथ जैसे आध्यात्मिक संत यहां पर आ चुके हैं. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी यहां पर माता के दरबार में माथा टेक चुके हैं.
मुस्लिम समुदाय के लोग भी करते हैं पूजा
हिंगलाज माता मंदिर का दरबार गुफा के अंदर ही है और भगवान शिव यहां पर भीमलोचन भैरव के रूप में प्रतिष्ठित हैं. हिंगलाज माता के अलावा यहां पर भगवान गणेश और कालिका माता की भी प्रतिमा लगी हुई है. बलुचिस्तान के मुसलमान हिंगला माता को नानी पीर कहकर बुलाते हैं और उनको लाल कपड़ा, अगबत्ती, मोमबत्ती, इत्र, फूल आदि चीजें चढ़ाते हैं. हिंगलाज माता को चारण वंश की कुलदेवी माना जाता है.
भारत में भी है हिंगला माता का स्वरूप
हिंगलाज माता के मंदिर पर कई बार पाकिस्तान के चरमपंथी हमला कर चुके हैं लेकिन माता को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा पाए हैं. यहां रहने वाले हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कई बार चरमपंथियों के हमले से माता के मंदिर को बचाया है. हिंगलाज माता का दूसरा स्वरूप भारत में तनोट माता के रूप में स्थित है.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/dharm/hinglaj-mata-mandir-in-pakistan-cm-yogi-mentions-hinglaj-mata-temple-in-podcast-9129678.html