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पितृ पक्ष में करना है तर्पण? तो भूलकल भी न खाएं ये चीजें, पितरों में बढ़ेगा क्रोध, दोषों से घिर सकता आपका घर

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Pitru Paksha 2024: इस साल पितृ पक्ष 17 सितंबर दिन मंगलवार से शुरू होकर 2 अक्टूबर को समाप्त होंगे. पितृ पक्ष का प्रारंभ भाद्रपद पूर्णिमा और समापन आश्विन अमावस्या के दिन होता है. पितृ पक्ष के 16 दिन पितरों को तृप्त करने का विधान है. इस दौरान लोग अपने पितरों को याद कर तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, दान, ब्राह्मण भोज, पंचबलि आदि करते हैं. मान्यता है कि इस दौरान किए गए पितरों के निमित्त तर्पण से पितृ देव संतुष्ट होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. लेकिन, आपको बता दूं कि इस दौरान कुछ चीजें खाने की मनाही भी होती है? ऐसी ही कुछ चीजों को बारे में Bharat.one को बता रहे हैं प्रताप विहार गाजियाबाद के ज्योतिर्विद और वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी-

पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी न खाएं ये चीजें

मांस-मदिरा: ज्योतिषाचार्य के मुताबकि, पितृपक्ष के दौरान मांस-मदिरा के सेवन की मनाही होती है. ऐसा करने से पितर नाराज होते हैं. साथ ही इसका असर वंश पर भी पड़ सकता है.

मसूर दाल: पितृपक्ष में मसूर की दाल भी नहीं खाना चाहिए. दरअसल, मसूर दाल का सीधा संबंध मंगल ग्रह से है, जो क्रोध का कारक मानी जाती है. इसलिए इसका सेवन नहीं करना चाहिए.

लहसुन-प्याज: लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन के रूप में जाना जाता है. इसलिए पितृपक्ष के दौरान इन दोनों का सेवन करने से बचना चाहिए. इस दौरान सात्विक भोजन जरूर करना चाहिए.

चना: पितृ पक्ष में चना और इससे बनी चीजों जैसे कि बेसन, चने की दाल, मिठाई आदि नहीं खानी चाहिए क्योंकि ये चीजों पितरों को अर्पित नहीं की जाती है. पितृपक्ष के दौरान चना भी नहीं खाना चाहिए. यह अशुभ माना जाता है. कुछ जगहों पर कढ़ी बनानी भी वर्जित होता है.

पके चावल: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, पितृपक्ष के दौरान पके खाने से भी बचना चाहिए. दरअसल, माना जाता है कि इन्हीं चावलों से पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिसमें कच्चे चावल का इस्तेमाल किया जा सकता है.


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https://hindi.news18.com/news/dharm/pitru-paksha-2024-these-5-food-not-to-eat-during-shradha-ancestors-get-angry-pitrapaksha-pitru-paksha-me-kya-na-khanyen-8695577.html

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