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पितृ अमावस्या पर करें 3 सटीक उपाय, पितृदोष से मुक्ति दिलाने में कारगर, बदल सकती है किस्मत!  

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देवघर: कहते हैं कि अगर इंसान की किस्मत बिगड़ जाए तो ऊंट पर बैठे शख्स को भी कुत्ता काट लेता है, यानी किस्मत का साथ नहीं रहने की वजह से बना बनाया कार्य बिगड़ जाता है. कई बार इसका कारण पितृ दोष होता है. ऐसे में मेहनत के बावजूद अच्छे फल की प्राप्ति नहीं होती. इससे इंसान काफी परेशान रहता है. ज्योतिष शास्त्र में इसका उपाय बताया गया है, जिसे साल में एक बार पितृ अमावस्या पर कारगर माना जाता है.

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one को बताया कि सभी अमावस्या में पितृ अमावस्या का खास होती है. इस साल 2 अक्टूबर को पितृ अमावस्या है. इसी दिन पितृपक्ष की भी समाप्ति होगी. इस दिन पितृ के नाम से तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान इत्यादि करना सबसे शुभ माना जाता है. पितृदोष से मुक्ति के उपाय किए जाते हैं. इस दिन कुछ टोटका करने से किस्मत भी बदल सकती है. जीवन की बाधाएं दूर होती हैं.

कब शुरू होगी पितृ अमावस्या
पितृपक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 1 अक्टूबर रात 9 बजकर 43 मिनट से होगी. समापन 3 अक्टूबर भोर 03 बजकर 12 मिनट पर होगा. 02 अक्टूबर को दिन भर अमावस्या तिथि रहने के कारण 02 अक्टूबर को ही अमावस्या का व्रत रखा जाएगा और इसी दिन पितृ तर्पण किया जाएगा.

पितृ अमावस्या पर करें ये टोटका
पितृ अमावस्या पर कुछ टोटके करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. साथ ही किस्मत भी चमक जाती है.

1. काली गाय की करें पूजा
पितृ अमावस्या के दिन काली गाय की अवश्य पूजा करनी चाहिए. कुछ अन्न अवश्य खिलाएं और काली गाय की परिक्रमा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि सभी दोष समाप्त हो जाते हैं.

2. नारियल को बांध कर प्रवाहित करें
पितृ अमवास्या के दिन एक काले कपड़े में नारियल, काल तिल, जौ, काला चना और एक सिक्का डालकर पोटली बनाकर बांध लें. फिर उसको 07 बार अपने माथे से शरीर पर लगाकर चुपके से नदी मे प्रवाहित कर दें. किस्मत बदल सकती है.

3. जल में तिल डालकर पीपल को चढ़ाएं
पितृ अमावस्या के दिन संध्या के समय जल में दूध, तिल डालकर पीपल पेड़ की जड़ में अर्पण करें. इससे पितृदोष से मुक्ति मिलेगी और किस्मत भी साथ देगी. हर कार्य में सफलता मिलेगी.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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