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मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर ने की जमकर कमाई, एक साल में 133 करोड़ का भरा खजाना

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Mumbai Siddhivinayak Mandir: मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर भक्तों के लिए आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है. मान्यता है कि यहां गणेशजी भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. इसलिए इसे नवसाचा गणपति या नवसाल…और पढ़ें

सिद्धिविनायक मंदिर ने की जमकर कमाई, एक साल में 133 करोड़ का भरा खजाना

मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर ने की जमकर कमाई

हाइलाइट्स

  • सिद्धिविनायक मंदिर ने 2024-25 में 133 करोड़ की कमाई की.
  • मंदिर की आय 2023-24 से 14% अधिक रही.
  • 2025-26 में आय बढ़कर 154 करोड़ होने का अनुमान.

मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. सिद्धिविनायक मंदिर भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है, जिसे किसी पहचान की जरूरत नहीं है. यहां गरीब से गरीब और अमीर से अमीर सभी माथा टेकते हैं और दर्शन करने के बाद दान करते हैं. प्रभादेवी के सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है. दरअसल बेला जयसिंघानी की एक रिपोर्ट आई है और इस रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 में सिद्धिविनायक मंदिर को 133 करोड़ रुपए की कमाई हुई है, जो 2023-24 में 114 करोड़ रुपये से 14% अधिक है. साथ ही अनुमान जताया जा रहा है कि अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में मंदिर की आय बढ़कर 154 करोड़ रुपए हो जाएगी.

इस तरह होती है मंदिर की कमाई
बेला जयसिंघानी की रिपोर्ट के अनुसार, दान पेटी, ऑनलाइन दान, पूजा अनुष्ठान, लड्डू और नारियल वाड़ी प्रसाद की बिक्री और सोने-चांदी के चढ़ावे से राजस्व का आकलन किया गया है और यह पैसा ट्रस्ट की कल्याणकारी गतिविधियों में लगाया जाता है.सिद्धिविनायक के उप कार्यकारी अधिकारी संदीप राठौड़ ने कहा कि मंदिर में कतारों का व्यवस्थित तरीके से चलना भक्तों के लिए एक सुखद अनुभव है. सिद्धिविनायक में प्रत्येक भक्त को दर्शन के लिए 10-15 सेकंड मिलते हैं, जो मेरे हिसाब से अन्य बड़े मंदिरों की तुलना में बेहतर है, दूसरे मंदिरों में दर्शन के लिए केवल 5-7 सेकंड का समय मिलता है. इससे लोगों का दिल प्रसन्न होता है और अधिक दान करते हैं. मंदिर को उम्मीद है कि 2025-26 में उसका राजस्व बढ़कर 154 करोड़ रुपए हो जाएगा.

ट्रस्ट ने बनाई सिद्धिविनायक भाग्य लक्ष्मी योजना
राठौड़ ने कहा कि मंदिर महंगाई के हिसाब से राजस्व का आकलन करता है. इसलिए भले ही खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ी हों, सोने की कीमतें बढ़ी हों, लेकिन हमने वास्तव में सोने-चांदी की वस्तुओं की अधिक नीलामी देखी है. प्रसाद को बिना लाभ-हानि के आधार पर बेचा जाता है. मंदिर के ट्रस्ट ने बालिकाओं के कल्याण के लिए एक नई सिद्धिविनायक भाग्य लक्ष्मी योजना तैयार की है, जिसे उसने राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेज दिया है. राठौड़ ने कहा है कि इस प्रस्ताव के तहत ट्रस्ट 8 मार्च को महिला दिवस पर नागरिक अस्पतालों में जन्म लेने वाली प्रत्येक बालिका के लिए 10,000 रुपए की राशि फिक्स डिपॉज़िट के रूप में जमा करेगा. एफडी को मां के खाते में जमा किया जाएगा. यह पहली बार है जब कोई मंदिर ट्रस्ट इस तरह का उपक्रम कर रहा है. इससे केंद्र के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारे को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. इस बीच 30 मार्च को गुड़ी पड़वा पर आयोजित सिद्धिविनायक की सोने के चढ़ावे और चांदी के सिक्कों की वार्षिक नीलामी में 1.33 करोड़ रुपए की कमाई हुई है.

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सिद्धिविनायक मंदिर ने की जमकर कमाई, एक साल में 133 करोड़ का भरा खजाना


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