Home Astrology होली पर ब्रज में घूमने के लिए जा रहे हैं तो भूलकर...

होली पर ब्रज में घूमने के लिए जा रहे हैं तो भूलकर भी वहां से ना लाएं ये चीजें, शुरू हो जाएगा बुरा समय

0


Last Updated:

Braj Holi 2025: अगर आप होली पर ब्रज घूमने जा रहे हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. दरअसल कुछ लोग पवित्र स्थलों से याद के तौर पर कुछ ना कुछ घर लेकर आ जाते हैं. लेकिन एक चीज ऐसी हो, जो मथुरा वृंदावन समे…और पढ़ें

होली पर ब्रज में घूमने के लिए जा रहे हैं तो भूलकर भी वहां से ना लाएं ये चीजें

होली पर ब्रज में घूमने के लिए जा रहे हैं तो भूलकर भी वहां से ना लाएं ये चीजें

हाइलाइट्स

  • ब्रज से गोवर्धन पर्वत का पत्थर घर ना लाएं.
  • गोवर्धन पर्वत का पत्थर घर लाने से बुरा समय शुरू हो सकता है.
  • ब्रज की धूल भी घर नहीं ले जानी चाहिए.

मथुरा-वृंदावन समेत पूरे ब्रज की होली केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी प्रसिद्ध है. यहां की होली का आनंद लेने के लिए लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं और ब्रज की संस्कृति की आनंद लेते हैं. होली केवल एक पर्व नहीं बल्कि यह भगवान कृष्ण और राधा रानी की लीलाओं का सबसे बड़ा संगम है. यहां कई तीर्थ स्थल हैं, जो धार्मिक होने के साथ साथ सांस्कृतिक दृष्टि से भी काफी अधिक महत्वपूर्ण हैं. बहुत से लोग याद के तौर पर वहां से कुछ ना कुछ लेकर आते हैं. अगर आप भी होली के लिए ब्रज जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि कुछ चीजें वहां से भूलकर भी घर पर ना लेकर आएं, अन्यथा आपको लेने के देने पड़ सकते हैं. आइए जानते हैं ब्रज में आएं तो कौन सी चीजों को घर पर लेकर ना आएं…

भूलकर भी ना लाएं यह चीज
ब्रज में हर दिन किसी ना किसी जगह पर होली के कार्यक्रम होते रहते हैं, जो 40 दिन तक चलते हैं. अगर आप ब्रज में जा रहे हैं तो गोवर्धन की परिक्रमा अवश्य लाएं. गोवर्धन की परिक्रमा सात कोस यानी 21 किलो मीटर की है. भगवान कृष्ण के जमाने से ही इस पर्वत की पूजा अर्चना और परिक्रमा की जा रही है. लेकिन अगर आप वहां जा रहे हैं तो भूलकर पर्वत का पत्थर अपने साथ लेकर ना आएं. ऐसा करना अशुभ माना जाता ह, इसका उल्लेख गर्ग संहिता शास्त्र में दिया गया है.

सबसे बड़ा तीर्थ है गोवर्धन पर्वत
गर्ग संहिता शास्त्र के अनुसार, ब्रज में गोवर्धन पर्वत का विशेष महत्व है और यहां होली के जबरदस्त कार्यक्रम देखने को मिलते हैं. वृंदावन को जहां भगवान कृष्ण का लोक कहा जाता है तो गोवर्धन पर्वत को मुकूट कहा जाता है इसलिए गोवर्धन पर्वत का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्वयं राधारानी गोवर्धन पर्वत पर वास करती हैं क्योंकि वह पर्वत के बिना नहीं रह सकतीं. गर्ग संहिता के अनुसार, पृथ्वी और स्वर्ग में इस तीर्थ स्थल के बराबर कोई दूसरा स्थल नहीं है.

शुरू हो जाता है बुरा समय
मान्यता है कि गोवर्धन पर्वत का एक भी टुकड़ा 84 कोस से बाहर नहीं जाना चाहिए. अगर इस पर्वत के एक भी टुकड़े या पत्थर को कोई घर पर लेकर जाता है तो उसका बुरा समय शुरू हो जाता है. घर पर कोई ना कोई समस्या शुरू हो जाती है और अंत में वह पत्थर वापस गोवर्धन पर्वत पर छोड़कर आना पड़ता है. गोवर्धन पर्वत के अलावा आप ब्रज की रज यानी धूल भी लेकर नहीं जाना चाहिए. जब आप तीर्थ स्थल से निकलें और पैर धोकर ही निकलें, ताकि ब्रज की रज ब्रज में ही रहे.

homeuttar-pradesh

होली पर ब्रज में घूमने के लिए जा रहे हैं तो भूलकर भी वहां से ना लाएं ये चीजें


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/uttar-pradesh/mathura-braj-holi-2025-mathura-vrindavan-barsana-govardhan-and-all-braj-darshan-on-holi-never-bring-this-one-thing-at-home-9086521.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version