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अर्जुन की छाल, अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए रामबाण है आप अर्जुन की छाल का चूर्ण का काढ़ा बनाकर के पी सकते हैं या आप इसकी चाय बनाकर के पी सकते हैं, इस चाय या इस काढ़े में आप दालचीनी को भी मिक्स कर सकते हैं, अर्जुन छाल और दालचीनी का मिक्स काढ़ा आपके खून को पतला करने में बहुत ही ज्यादा अच्छा कारगर साबित होता है.
सहारनपुर: सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है और दिन प्रतिदिन तापमान गिरता जा रहा है. तापमान गिरने से कुछ व्यक्तियों के शरीर पर इसका दुष्प्रभाव भी पड़ता है. हार्ट के मरीज ज्यादा ठंड से अपने आप को बचाकर रखते हैं, लेकिन देखा जाता है कि सर्दी के मौसम में खून गाढ़ा होने की समस्या काफी देखी जाती है. गाढ़ा रक्त (हाइपरकोएग्यूलेशन) होने का मतलब है कि आपको अत्यधिक थक्के जमने या बिना रक्तस्राव के भी थक्के जमने का खतरा है. इससे खतरनाक रक्त के थक्के बन सकते हैं जिससे दिल का दौरा, स्ट्रोक या अन्य जानलेवा समस्याएँ हो सकती हैं.
खून गाढ़ा होने के ये लक्षण न करें नजरअंदाज
आयास आयुर्वेदिक चिकित्सालय के बीएएमएस, एमडी डॉ. हर्ष ने Bharat.one से बातचीत में बताया कि खून गाढ़ा होने की समस्या आजकल आम होती जा रही है और इसके कुछ शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है.
डॉ. हर्ष के अनुसार, जब खून गाढ़ा होने लगता है तो सबसे पहले तेज चलने या सीढ़ियां चढ़ने-उतरने पर सांस फूलने लगती है. इसके अलावा ऐसे समय में सीने में चुभन या दर्द महसूस होना और बार-बार चक्कर आना भी इसके प्रमुख संकेत हैं. अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत अपना कोलेस्ट्रॉल और लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराना चाहिए.
उन्होंने बताया कि यदि कोलेस्ट्रॉल हल्का बढ़ा हुआ हो और लिपिड प्रोफाइल में गड़बड़ी हो, तो कुछ देसी आयुर्वेदिक नुस्खे काफी मददगार साबित हो सकते हैं.
क्या है देसी उपाय
डॉ. हर्ष के अनुसार, अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल कम करने और खून को पतला करने के लिए रामबाण मानी जाती है. अर्जुन की छाल का काढ़ा या चाय बनाकर पी जा सकती है. इसमें अगर दालचीनी मिला ली जाए, तो इसका असर और भी बेहतर हो जाता है. अर्जुन छाल और दालचीनी का मिश्रण खून को पतला रखने में बेहद प्रभावी है.
इसके अलावा सौंठ (सूखी अदरक) भी खून को पतला रखने में सहायक होती है. सुबह खाली पेट दो लहसुन की कलियां छीलकर बिना चबाए निगलना भी फायदेमंद माना जाता है. हालांकि डॉ. हर्ष ने चेतावनी दी कि लहसुन को कभी चबाकर न खाएं, क्योंकि इससे दांतों का इनामल घिस सकता है और दांत कमजोर हो सकते हैं. लहसुन निगलने के बाद ऊपर से गुनगुना पानी पीना चाहिए.
उन्होंने यह भी बताया कि तोरई की सब्जी का नियमित सेवन करने से खून गाढ़ा होने की समस्या से बचाव किया जा सकता है.
डॉ. हर्ष का कहना है कि सही समय पर लक्षण पहचानकर, खान-पान और जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करके गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है.
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विवेक कुमार एक सीनियर जर्नलिस्ट हैं, जिन्हें मीडिया में 10 साल का अनुभव है. वर्तमान में न्यूज 18 हिंदी के साथ जुड़े हैं और हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की लोकल खबरों पर नजर रहती है. इसके अलावा इन्हें देश-…और पढ़ें
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