Ashwin Purnima And Hanuman Puja 2025: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि मंगलवार को सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का संयोग बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. आश्विन मास की पूर्णिमा वर्ष की सबसे तेजस्वी और ऊर्जावान पूर्णिमा होती है, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, पूजा और दान पुण्य के कार्य किए जाएंगे. साथ ही मंगलवार को ही पूर्णिमा की सत्यनारायण की कथा का पाठ किया जाएगा. आश्विन पूर्णिमा का दिन धन, सौंदर्य, प्रेम, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक जागरण पांचों क्षेत्रों में शुभ फल देने वाला माना गया है. जानें आश्विन पूर्णिमा का पंचांग और शुभ योग…
द्रिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार को पूर्णिमा तिथि का समय सुबह 9 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. इसके बाद कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी. अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर 3 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर शाम 4 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इस दिन सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा 8 अक्टूबर रात के 1 बजकर 28 मिनट तक मीन राशि में रहेंगे, इसके बाद मेष राशि में गोचर करेंगे.

आश्विन पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग
सर्वार्थ सिद्धि ज्योतिष में एक बेहद शुभ योग है, जो किसी विशेष दिन एक विशिष्ट नक्षत्र के मेल से बनता है. मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है. इसका मुहूर्त 29 सितंबर की सुबह 3 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर सुबह 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगा.
आश्विन पूर्णिमा पर अमृत सिद्धि योग
अमृत सिद्धि योग वैदिक ज्योतिष में एक बेहद शुभ योग है जो विशेष दिन और नक्षत्र के संयोग से बनता है, और इस योग में किए गए कार्य निश्चित रूप से सफल होते हैं, जिससे व्यक्ति को समृद्धि और सिद्धि की प्राप्ति होती है. यह योग कई प्रकार के शुभ कार्यों जैसे नया व्यापार शुरू करने, वाहन खरीदने या नए घर में प्रवेश करने के लिए उत्तम माना जाता है.
मंगलवार को हनुमान पूजा का महत्व
स्कंद पुराण के अनुसार, मंगलवार के दिन बजरंगबली का जन्म हुआ था, जिस वजह से इस दिन उनकी पूजा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. रामभक्त हनुमान को मंगल ग्रह के नियंत्रक के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के कष्ट, भय और चिंताएं दूर हो जाती हैं. साथ ही, मंगल ग्रह से संबंधित बाधाएं भी समाप्त होती हैं.
हनुमानजी की पूजा विधि
मंगलवार के दिन विधि-विधान से पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म-स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल को साफ करें. फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और पूजा की सामग्री रखें और उस पर अंजनी पुत्र की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं. हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर बजरंगबली की आरती करें. इसके बाद आरती का आचमन कर आसन को प्रणाम करके प्रसाद ग्रहण करें. शाम को भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है. इस दिन लाल कपड़े पहनना और लाल रंग के फल, फूल और मिठाइयां अर्पित करना शुभ माना जाता है. इस पावन दिन पर हनुमान जी की आराधना कर जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करें.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/dharm/ashwin-purnima-2025-sarvartha-siddhi-yog-know-ashwin-purnima-panchang-and-shubh-yog-and-puja-vidhi-and-importance-ws-kln-9704966.html