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Bhojeshwar Mahadev Temple Bhojpur: भोपाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर भोजेश्वर मंदिर है. इस मंदिर को ‘पूर्व का सोमनाथ मंदिर’ कहा जाता है. मंदिर का शिवलिंग 7.5 फीट ऊंचा और 18 फीट चौड़ा है. यह मंदिर अधूरा है. पढ़ें भोजपुर शिव मंदिर की कथा.
दुनिया का सबसे विशाल शिवलिंग!
जलहरी पर चढ़कर होता है शिवलिंग का अभिषेक
मंदिर का शिवलिंग 7.5 फीट ऊंचा और 18 फीट चौड़ा है. इसकी स्थापना जिस चबूतरे पर की गई है, वह इतना ऊंचा है कि पुजारी को सीढ़ी लगाकर ऊपर चढ़ना पड़ता है. यही कारण है कि यहां श्रद्धालु और पुजारी दोनों जलहरी पर चढ़कर अभिषेक करते हैं, जो अपने आप में अनोखी परंपरा है.
मंदिर क्यों रह गया अधूरा
कहानी यह भी है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही रात में होना था, लेकिन सूर्योदय से पहले कार्य अधूरा रह गया. सूरज की पहली किरण के साथ ही निर्माण रुक गया और मंदिर आज तक अधूरा खड़ा है.
शिव मंदिर का पांडवों से संबंध
भोजपुर मंदिर का संबंध महाभारत काल से भी बताया जाता है. कहा जाता है कि माता कुंती ने पांडवों के अज्ञातवास के दौरान यहां भगवान शिव का जलाभिषेक किया था. यही कारण है कि यह स्थल भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है.
लगता है विशाल मेला
हर साल मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि पर यहां विशाल मेला लगता है. महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय भोजपुर महोत्सव में देशभर से भक्त, साधु-संत और पर्यटक जुटते हैं.
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें
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