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Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के बाद कलश-नारियल का क्या करें? 99% लोग होते हैं कंफ्यूज, पंडितजी से जानें सही बात

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Kalash-Nariyal Upay: हिन्दू धर्म के 9 सबसे पवित्र दिन चैत्र नवरात्रि का आज सातवां दिन और अष्ठमी तिथि है. ये सभी दिन मां दुर्गा के स्वरूपों को समर्पित हैं. आज भक्तों ने मां महागौरी की पूजा की. कल यानी नवमी को मां दुर्गा की नौवीं शक्ति मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी. नवरात्रि में पूरे 9 दिन पूजा-पाठ के साथ व्रत रखा जाता है. दरअसल, नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है ‘9 रातें’. इन 9 रातों और 10 दिनों के दौरान भक्त शक्ति की देवी मां जगदंबा के नौ रूपों की पूजा करते हैं. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना के साथ इसकी शुरुआत होती है. इस दौरान एक नारियल रखकर कलश स्थापना की जाती है. इसके बिना पूजा फलदायी नहीं मानी जाती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि के बाद इस नारियल का क्या करें? इन बारे में Bharat.one को विस्तार से बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकांत मिश्र शास्त्री.

कलश-नारियल के बिना अधूरी है मां की पूजा

पं. ऋषिकांत मिश्र बताते हैं कि, ये सच है कि कलश और नारियल के बिना पूजा अधूरी मानी जाती हैं. इसलिए नवरात्रि के पहले दिन एक नारियल रखकर कलश स्थापना की जाती है. लेकिन, जिस श्रद्धापूर्वक कलश स्थापना होती है, ठीक उसी तरह इसे हटाना भी जरूरी होता है. यदि आप गलत तरीके से नारियल को हटाते हैं या नारियल का प्रयोग करते हैं तो इससे इसका अपमान होता है और आपको नवरात्रि में किए गए पूजा-व्रत का फल नहीं मिलता है.

नवरात्रि के बाद कलश और नारियल के उपाय

कलश का क्या करें: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, नवरात्रि के समापन के बाद आप कलश को मंदिर में रखें. इसके अलावा, इस कलश को आप जल में भी प्रवाहित कर सकते हैं. अगर ये उपाय भी न कर सकें तो घर में भी रख सकते हैं.

नारियल पूजा स्थल पर रखें: लोग नवरात्रि समाप्त होने पर नारियल गलत तरह से हटाते या प्रयोग कर लेते हैं. ऐसा करने से उन्हें 9 दिन की पूजा का फल नहीं मिल पाता. बता दें कि, कलश पर रखे नारियल में माता रानी की विशेष कृपा होती है. ऐसे में नवरात्रि के बाद इस नारियल को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर पूजा स्थल पर रखें.

प्रसाद के रूप में खाएं: नवरात्रि में स्थापित कलश के ऊपर रखे नारियल को 9 दिन बाद विधि-विधान से हटाना चाहिए. इसके बाद इसको आप नदी या बहते पानी में प्रवाहित कर सकते हैं. या फिर बेहतर होगा कि आप इसको प्रसाद के रूप में कन्याओं को बांटें और स्वयं भी खाएं. ऐसा करने से आप मां से सुख-समृद्धि पा सकते हैं.

मुख्य दरवाजे पर बांधें: नवरात्रि के बाद कलश के नारियल को घर के मुख्य दरवाजे पर लाल कपड़े में लपेट कर बांध सकते हैं. इसके बाद अगली नवरात्रि के बाद पहले से बंधे नारियल को नदी में प्रवाहित कर दें और उसके स्थान पर नवरात्रि के बाद कलश से हटाए नारियल को उसी प्रक्रिया से बांध दें.

प्रतिष्ठान पर रखें: पंडित जी के मुताबिक, नवरात्रि के बाद कलश से हटाए गए नारियल को अपनी दुकान, ऑफिस आदि में रख सकते हैं. ऐसा करने से मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है. साथ ही व्यापार में भी बरकत होने लगती है.

चावल नदी में प्रवाहित करें: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के बाद पूजा की सामग्री को जल में प्रवाहित करना सबसे उत्तम माना जाता है. चाहें वह नारियल हो या फिर कलश के नीचे रखे चावल. नवरात्रि के बाद सभी को जल में प्रवाहित जरूर करना चाहिए. दरअसल, ऐसा करने से कोई दोष नहीं लगता और पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है.


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https://hindi.news18.com/news/dharm/chaitra-navratri-2025-nariyal-aur-kalas-ke-upay-proper-use-of-kalash-coconut-after-navratri-know-from-astrologer-9153374.html

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