Home Astrology ganesh visarjan on anant chaturdashi 2025 Know why does ganesh visarjan happen...

ganesh visarjan on anant chaturdashi 2025 Know why does ganesh visarjan happen and ganesh visarjan importance | 6 सितंबर को गणेश विसर्जन, जानें क्यों किया जाता है बप्पा का विसर्जन और इसका महत्व

0


Last Updated:

Ganesh Visarjan 2025: 6 सितंबर का गणेश विसर्जन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन की गहराई, अनित्यता और भगवान के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है. 10 दिनों तक चलने वाले इस भव्य उत्सव के अंतिम दिन गणेशजी की प्रति…और पढ़ें

6 सितंबर को गणेश विसर्जन, जानें क्यों किया जाता है बप्पा का विसर्जन और महत्व
Ganesh Visarjan on Anant Chaturdashi 2025: गणेश उत्सव अब अपने समापन की तरफ बढ़ रहा है, 10 सितंबर दिन शनिवार को गणेश विसर्जन के साथ भव्य त्योहार का समापन हो जाएगा. इस दिन अनंत चतुर्दशी का पर्व है और इसी दिन गणेश विसर्जन किया जाता है. गणेश उत्सव के दौरान ढोल नगाड़ों के साथ बप्पा को घर लाया जाता है और उनका आदर सत्कार और पूजा की जाती है. उसी तरह अनंत चतुर्दशी के दिन धूमधाम से पूजा पाठ के साथ पवित्र जलाशय या नदी में विसर्जित किया जाता है. आइए जानते हैं बप्पा का विसर्जन क्यों किया जाता है और इसका महत्व क्या है…

अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन

गणेशजी बुद्धि, समृद्धि और विवेक के देवता है और कोई भी शुभ कार्य करने से पहले गणेशजी की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि गणेशजी की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न व बाधाएं दूर हो जाती हैं और कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है. गणेशजी की पूजा से वास्तु दोष, पितृ दोष समेत कई दोषों से मुक्ति मिलती है और सभी कार्यों में उन्नति होती है. गणेश चतुर्थी के दिन धूमधाम से बप्पा को घर लाया जाता है और 10 दिन बाद यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणेशजी का विसर्जन कर दिया जाता है.

गणपति विसर्जन का महत्व

गणेश विसर्जन का महत्व शास्त्रों और परंपरा दोनों में गहराई से समझाया गया है. गणेशजी की मूर्ति मिट्टी की बनी होती है, और अंततः जल में जाकर पंचतत्व में विलीन हो जाती है. यह हमें आत्मा की प्रकृति और परमात्मा में लय का स्मरण कराता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर शुभ कार्य का समापन भी उतना ही आवश्यक है जितना आरंभ, वरना ग्रह-शक्ति अधूरी रह सकती है. विसर्जन केवल भौतिक क्रिया नहीं है, यह भगवान को धन्यवाद और पुनः आने का आमंत्रण है – गणपति बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ.

क्यों किया जाता है गणपति विसर्जन?

हिंदू धर्म ग्रंथो में गणपति विसर्जन का उल्लेख मिलता है. जब हम घरों या पंडालों में गणपति की मूर्ति की स्थापना करते हैं, तब उसे आवाहन कहते हैं अर्थात् भगवान को आमंत्रित करना. पूजा-अर्चना के बाद जब उनकी कृपा से कार्य सफल हो जाते हैं और भक्तों का मनोवांछित फल मिलता है, तो देवता को सम्मानपूर्वक उद्वासन यानी विदाई देना शास्त्र सम्मत है. यही विदाई प्रक्रिया जल में विसर्जन के रूप में होती है.यह प्रक्रिया जीवन के अनित्यत्व (नश्वरता) का भी बोध कराती है कि जो आया है, उसे एक दिन जाना भी है.

गणपति विसर्जन की कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान गणेश ने महाभारत ग्रंथ की रचना की थी. कहा जाता है कि महर्षि वेदव्यासजी ने गणेशजी को लगातार 10 दिन तक महाभारत की कथा सुनाई थी. गणेशजी ने 10 दिन तक सुनते सुनते महाभारत कथा को लिखा. 10 दिन बाद जब महाभारत कथा लिखी जा चुकी थी, तब महर्षि वेदव्यासजी ने गणेशजी को छुआ तो उनका शरीर आग की तरह तप रहा था. वेदव्यासजी ने गणेशजी को तुरंत पास के कुंड में ले जाकर उनका तापमान शांत किया. माना जाता है कि विसर्जन से गणेशजी को शीतलता प्राप्त होती है और तभी से गणेश विसर्जन की प्रथा शुरू हुई.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

6 सितंबर को गणेश विसर्जन, जानें क्यों किया जाता है बप्पा का विसर्जन और महत्व


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/ganesh-visarjan-on-anant-chaturdashi-2025-know-why-does-ganesh-visarjan-happen-and-ganesh-visarjan-importance-ws-kl-9585018.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version