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Jagannath Mandir Secret : चार धाम में से एक भगवान जगन्नाथ के मंदिर को पृथ्वी का बैकुंठ धाम कहा जाता है. भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है. लेकिन दर्शन करने के बाद एक छोटी सी गलती सभी पुण्य को नष्ट कर सकती है और यमलोक का रास्ता खुल जाता है. आइए जानते हैं भगवान जगन्नाथ की तीसरी सीढ़ी के रहस्य के बारे में…
Jagannath Mandir Ki Tisri Sidhi Ka Rahasya: ओडिशा के पुरी का जगन्नाथ मंदिर न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और रहस्यमयी मंदिरों में से एक है. हिंदू धर्म में चार पवित्र धाम में से एक जगन्नाथ मंदिर को पृथ्वी का वैकुंठ धाम कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि जगन्नाथ मंदिर के दर्शन से मनुष्य पापों से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मंदिर से लौटते समय की एक छोटी-सी गलती आपके सारे पुण्य नष्ट कर सकती है? अगर आपसे जाने-अनजाने यह गलती हो जाती है तो आपके सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु के बाद यमलोक की यात्रा करनी पड़ती है. इसलिए भगवान के दर्शन करने के बाद कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. आइए जानते हैं भगवान के दर्शन से लौटते समय की गई इस गलती से क्यों खुल जाता है यमलोक का रास्ता…
भगवान जगन्नाथ की तीसरी सीढ़ी की कथा
भगवान जगन्नाथ के मंदिर से जुड़ी एक बेहद रोचक और रहस्यमयी कथा है, जो मंदिर के मुख्य द्वार की तीसरी सीढ़ी से जुड़ी हुई है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक समय ऐसा आया जब भगवान जगन्नाथ के दर्शन से सभी भक्त पाप मुक्त हो रहे थे. लोग सीधे मोक्ष पा रहे थे और यमलोक जाने वालों की संख्या बहुत कम हो गई थी. यह देखकर यमराज चिंतित हो गए. वे स्वयं भगवान जगन्नाथ के पास पहुंचे और बोले, प्रभु आपने पाप मुक्ति का मार्ग इतना सरल बना दिया है कि अब कोई भी यमलोक नहीं आ रहा. अगर ऐसा चलता रहा तो मेरे लोक में सन्नाटा छा जाएगा.
भगवान ने यमराज को दिए निर्देश
यमराज की यह बात सुनकर भगवान जगन्नाथ मुस्कुराए और बोले, ‘यमराज, अब से तुम मेरे मंदिर के मुख्य द्वार की तीसरी सीढ़ी पर निवास करो. जो भी व्यक्ति मेरे दर्शन के बाद लौटते समय इस सीढ़ी पर पैर रखेगा, उसके सारे पुण्य नष्ट हो जाएंगे और उसे यमलोक आना ही पड़ेगा. तब से मंदिर की तीसरी सीढ़ी को यमशिला कहा जाने लगा. यह शिला काले रंग की है और बाकी सीढ़ियों से बिल्कुल अलग दिखती है.
यमशिला पर पैर ना रखें
भक्त मानते हैं कि दर्शन करते वक्त तो इस शिला पर पैर रखना शुभ माना जाता है, लेकिन वापस लौटते समय अगर कोई गलती से भी उस पर पैर रख दे, तो उसके सारे पुण्य समाप्त हो जाते हैं. इसलिए जब भी आप पुरी के जगन्नाथ मंदिर जाएं, तो एक बात जरूर ध्यान रखें कि मंदिर से लौटते समय मुख्य द्वार की तीसरी सीढ़ी यानी यमशिला पर पैर ना रखें.
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें
मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/dharm/jagannath-mandir-ki-tisri-sidhi-ka-rahasya-secret-of-third-staircase-connected-to-jagannath-mandir-ws-kl-9830103.html
