Kojagari Laxmi Puja 2024: कोजागरी पूर्णिमा हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस रात माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. दिवाली से पहले माता लक्ष्मी की पूजा का यह अच्छा मौका होता है. कोजागरी पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा, रास पूर्णिमा आदि नाम से भी जानते हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं. उस दौरान वह पूछती हैं कि कौन जा रहा है? इस वजह से इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा कहते हैं. कोजागरी पूर्णिमा दिवाली से 15 दिन पहले आती है. इस अवसर पर आप माता लक्ष्मी की पूजा करके दिवाली से पहले मालामाल हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि कोजागरी पूर्णिमा कब है? कोजागरी लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त क्या है?
कोजागरी पूर्णिमा की तारीख 2024
कोजागरी पूर्णिमा की तिथि यानी अश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर बुधवार को रात 8:40 बजे से लेकर 17 अक्टूबर गुरुवार को शाम 4:55 बजे तक है. कोजागरी पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा के लिए निशिता मुहूर्त की मान्यता है. कोजागरी लक्ष्मी पूजा के लिए निशिता मुहूर्त 16 अक्टूबर को प्राप्त हो रहा है, इस वजह से कोजागरी पूर्णिमा 16 अक्टूबर बुधवार को मनाई जाएगी.
कोजागरी पूर्णिमा 2024 लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
16 अक्टूबर को कोजागरी पूर्णिमा की रात लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 42 मिनट से देर रात 12 बजकर 32 मिनट तक है. कोजागरी पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी की पूजा के लिए 50 मिनट का शुभ मूहूर्त प्राप्त हो रहा है.
कोजागरी पूर्णिमा 2024 चांद निकलने का समय
कोजागरी पूर्णिमा को चंद्रमा शाम को 5 बजकर 5 मिनट पर निकलेगा. उस दिन चंद्रमा मीन राशि और रोहिणी नक्षत्र में होगा.
कोजागरी पूर्णिमा पर रवि योग
इस साल कोजागरी पूर्णिमा के दिन रवि योग बन रहा है. यह सुबह में 6:23 बजे से बन रहा है, जो शाम को 07:18 बजे तक रहेगा.
कोजागरी पूर्णिमा 2024 लक्ष्मी पूजा मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:.
कोजागरी पूर्णिमा 2024 लक्ष्मी पूजा विधि
कोजागरी पूर्णिमा को निशिता मुहूर्त में माता लक्ष्मी की पूजा करें. सबसे पहले घर की साफ सफाई कर लें. शाम के समय में माता लक्ष्मी के लिए सात मुखी दीपक जलाएं. पूजा स्थान पर माता लक्ष्मी की मूर्ति की स्थापना लकड़ी की एक चौकी पर करें. माता लक्ष्मी को अक्षत्, लाल सिंदूर, लाल गुलाब, कमल के फूल, कमलगट्टा, पीली कौड़ियां, धूप, दीप, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करें. इस दौरान लक्ष्मी मंत्र का उच्चारण करें. माता लक्ष्मी को बताशे, दूध से बनी कोई भी सफेद मिठाई का भोग लगाएं.
अब आप लक्ष्मी मंत्र का जाप करें. श्री लक्ष्मी चालीसा, श्री सूक्त, कनकधारा स्तोत्र आदि का पाठ करें. शंख और घंटी की ध्वनि के साथ माता लक्ष्मी की आरती करें. माता लक्ष्मी से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें. उसके बाद रात्रि के समय में घर का मुख्य द्वार खोलकर रखें. रात्रि जागरण करें. माता लक्ष्मी जब विचरण करते आएंगी तो वे आपके घर में भी पधारेंगी. उनकी कृपा से आपके घर के सुख, समृद्धि, धन, दौलत में बढ़ोत्तरी होगी.
FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 12:07 IST
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