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Mahabharat Katha: क्या द्रौपदी थी कर्ण का पहला प्यार? स्वयंवर से अपमानित कर निकाला, तो अंगराज का किससे हुआ विवाह, कितने थे बच्चे?

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महाभारत के पात्रों में कर्ण का जीवन काफी रहस्यों से भरा हुआ था. उसे दुर्योधन का साथ मिला और वह अंगदेश का राजा बना. वह कुंती पुत्र था, लेकिन सूत पुत्र के नाम से जाना जाता था. इस वजह से उसे काफी अपमान सहना पड़ा. द्रौपदी के स्वयंवर में भी उसे अपमान का घूंट पीना पड़ा. पांचाल देश के राजा द्रुपद ने अपनी बेटी द्रौपदी के विवाह के लिए स्वयंवर का आयोजन किया था, जिसमें कर्ण समेत सभी वीर योद्धा पहुंचे थे. शर्त थी कि जो मछली की आंख पर निशाना साधेगा, द्रौपदी उसके गले में वरमाला डालेगी. क्या द्रौपदी कर्ण का पहला प्यार थी? कर्ण की शादी किससे हुई? कर्ण की पत्नी का क्या नाम था? उसके कितने बच्चे थे? आइए जानते हैं इस बारे में.

द्रौपदी और कर्ण के प्रेम की सच्चाई
कर्ण और द्रौपदी के प्रेम के बारे में कहीं लिखा नहीं है. महाभारत में द्रौपदी के स्वयंवर के बारे में लिखा गया है, जिसमें कर्ण भी शामिल हुआ था. कर्ण की वीरता से सभी परिचित थे. शर्त के अनुसार, कर्ण ने मछली की आंख पर निशाना साधने के लिए धनुष और बाण उठाया, लेकिन वहां पर उसे अपमान सहना पड़ा. सूत पुत्र होने के कारण उसे स्वयंवर से बाहर कर दिया गया. यदि ऐसा नहीं होता तो कर्ण स्वयंवर की शर्त को पूरा कर द्रौपदी से विवाह कर लेता. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. फिर अर्जुन ने मछली की आंख पर निशाना साधा, तो द्रौपदी ने उसके गले में वरमाला डाल दी.

कर्ण का विवाह
कर्ण की 2 पत्नियां थी. कर्ण का पहला विवाह वृषाली से हुआ था, जिसे वरुशाली के नाम से भी लिखा जाता है. वृषाली दुर्योधन के सारथी सत्यसेन की बेटी थी. लोक कथाओं के अनुसार, कुरुक्षेत्र के युद्ध में जब कर्ण वीरगति को प्राप्त हुआ तो वृषाली ने उसकी चिता पर ही समाधि ले ली थी. वृषाली एक ​पतिव्रता स्त्रि थी.

कर्ण की दूसरी पत्नी का नाम पद्मावती था, जिसे अलग अलग जगहों पर सुप्रिया और पोन्नारुवि के नाम से बताया गया है. वह राजा चित्रवत की पुत्री अंसावरी की दासी धूम सेन की बेटी थी. उसे कर्ण से प्रेम था. कर्ण के प्रस्ताव पर उसने विवाह किया था. कर्ण ने पहले पद्मावती का हाथ माना था, लेकिन उसके पिता ने सूत पुत्र कहकर इंकार कर दिया था. कुछ जगहों पर सुप्रिया के बारे में लिखा है कि वह दुर्योधन की पत्नी की सहेली थी.

कर्ण के थे 10 पुत्र
अंगराज कर्ण के 10 पुत्र थे. उनका नाम सुदामा, शत्रुंजय, द्विपाता, बनसेन, प्रसेन, वृषकेतु, वृषसेन, चित्रसेन, सत्यसेन और सुषेण था. कर्ण के 10 में से 9 पुत्रों ने कुरुक्षेत्र के युद्ध में भाग लिया था, लेकिन सभी मारे गए. उसका एक मात्र पुत्र वृषकेतु ही जीवित बचा था.

कर्ण के पुत्रों को किसने मारा?
कुरुक्षेत्र के युद्ध में पांडव सेना के योद्धाओं ने कर्ण के 9 पुत्रों का मारा था. अर्जुन ने कर्ण के 4 पुत्रों शत्रुंजय, द्विपाता, सुदामा और वृषसेन को मारा, वहीं नकुल ने उसके 3 पुत्रों सुषेण, चित्रसेन और सत्यसेन का वध किया था. भीमसेन ने बनसेन और सात्यकि ने प्रसेन को वीरगति प्रदान की थी.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)


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