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Peepal ki Puja Niyam: 5, 7 या 11… कितनी बार करें पीपल के पेड़ की परिक्रमा? यहां जानें पीपल पूजा से जुड़े नियम

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Peepal ki Puja Niyam: शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि शनिवार के दिन पीपल की पूजा करने से शनिदोषों से मुक्ति मिलती है, इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं. खासकर उन लोगों के लिए पीपल में पानी देना, पूजा करना व परिक्रमा करना फायदेमंद होता है जिनपर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है.

वहीं अगर आप भी शनि की साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन पीपल की पूजा जरूर करें. लेकिन क्या आपको पता है कि पीपल की पूजा के नियम क्या हैं. तो आइए ज्योतिषाचार्य डॉ अरविंद पचौरी से जानते हैं कि कैसे करें पीपल पूजा और कितनी करें परिक्रमा.

पीपल की पूजा दोपहर में न करें
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल के पेड़ की पूजा दोपहर में करना शुभ माना जाता है. लेकिन अगर आप शनिदेव की कृपा पाने के लिए पीपल की पूजा करें तो इसे हमेशा शाम के समय करें और दीपक जरुर जलाएं.

पीपल के पेड़ पर जलाएं सरसों का दीया
मान्यताओं के अनुसार, पीपल के पेड़ की पूजा शाम के समय कर रहे हैं तो सरसों के तेल का दीपक जलाएं. संध्याकाल में सूर्यास्त के बाद सरसों का तेल डाल कर दीपक जलाने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.पीपल वृक्ष में दीपक जलाने से कई लाभ मिलते हैं.

पीपल की परिक्रमा कितनी करें
मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ की परिक्रमा हमेशा विषम संख्या में करनी चाहिए. जैसे- 1, 3, 5, 7, 9, 11 इन गिनतियों के साथ पीपल की परिक्रमा करनी शुभ मानी जाती है. इसके अलावा अगर आप 108 परिक्रमा करने में सक्षम हैं तो यह अतिलाभकारी होती है.

इस दिशा में मुख करके चढ़ाएं जल
पीपल में जल चढ़ाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि आपका मुख हमेशा पूर्व दिशा की तरफ हो. खासकर शनिवार के दिन जब जल चढ़ाएं तो इस दिशा की तरफ आपका मुख रखें और फिर जल अर्पित करें. इसके अलावा उत्तर दिशा की तरफ मुख करके पीपल की जड़ में जल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है.

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