Last Updated:
Pitru Paksha Karna Story: पितृपक्ष की शुरुआत महाभारत के कर्ण से जुड़ी है, जिन्होंने स्वर्ग में तर्पण न करने की गलती सुधारने हेतु 16 दिन पृथ्वी पर पूर्वजों को भोजन अर्पित किया था.

कर्ण ने मरने के बाद पितरों का तर्पण कैसे किया
देवराज इंद्र का उत्तर सुन कर्ण ने हाथ जोड़कर कहा कि उन्हें नहीं पता था कि, उनके पूर्वज कौन हैं और वे किस कुल से संबंध रखते हैं. वास्तविक पितरों के भ्रम में वे कुछ दान नहीं कर पाए. उन्होंने कहा, कि मृत्यु होने से कुछ समय पहले ही उन्हें यह रहस्य पता चला था कि वे वास्तव में कुंती पुत्र हैं. कर्ण की व्यथा सुनकर देवराज इंद्र ने सही मानी. इसके बाद स्वर्ग से कर्ण को अपनी गलती सुधारने के लिए मौका दिया गया और उन्हें दोबारा 16 दिनों के लिए वापस पृथ्वी पर भेजा गया. इसके बाद 16 दिनों तक कर्ण ने अपने पूर्वजों को याद करते हुए उन्हें भोजन अर्पित किया. तब से लेकर इसी 16 दिनों को पितृ पक्ष कहा जाने लगा.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/dharm/pitru-paksha-2025-story-of-karna-revealed-in-pitru-paksha-mystery-and-importance-of-shraddha-ws-kln-9620630.html