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pitru paksha 6th day Today whose shraddh should be performed on pitru paksha 6th day | पितृ पक्ष की षष्ठी तिथि का कैसे करें श्राद्ध, इस दिन जरूर करें ये 5 काम

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Pitru Paksha 6th Day: आश्विन मास की षष्ठी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध कर्म और तर्पण किया जाता है, जिनकी देहांत षष्ठी तिथि को हुआ है. इस दिन किया गया श्राद्ध पितरों को संतोष और वंशजों को साहस व रक्षा प्रदान करता है. साथ ही संतान सुख, संतान रक्षा तथा शत्रु-नाश हेतु यह तिथि विशेष प्रभावी है.

पितृ पक्ष की षष्ठी तिथि का कैसे करें श्राद्ध, इस दिन जरूर करें ये 5 काम
Shashti Shraddha 2025 Pitru Paksha In Hindi: आज आश्विन मास की षष्ठी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा. पितृपक्ष में हर तिथि का अपना महत्व है और उस दिन जिनका निधन हुआ हो, उनका श्राद्ध उसी तिथि पर करना शुभ माना जाता है. षष्ठी तिथि भी पितृपक्ष की महत्वपूर्ण तिथियों में गिनी जाती है, इस दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है जिनका निधन षष्ठी तिथि को हुआ हो. मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध करने से पितरों को तृप्ति मिलती है और घर-परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है. शास्त्रों में षष्ठी तिथि को चिद्र तिथि बताया गया है, जिसे सामान्यत: मांगलिक कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है लेकिन पितृपक्ष में इसका विशेष महत्त्व है क्योंकि यह तिथि पितरों की तृप्ति से जुड़ी है. आइए जानते हैं पितृ पक्ष की षष्ठी तिथि को किस तरह श्राद्ध किया जाता है.

षष्ठी श्राद्ध की तिथि 12 सितंबर 2025 दिन शुक्रवार को
षष्ठी तिथि का आरंभ: 12 सितंबर, सुबह 9 बजकर 58 मिनट से.
षष्ठी तिथि का समापन: 13 सितंबर, सुबह 7 बजकर 23 मिनट तक.

षष्ठी तिथि का श्राद्ध करने का मुहूर्त
कुतुप मुहूर्त- आज दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से 12 हजकर 59 मिनट तक
रोहिणी मुहूर्त – आज दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से 1 बजकर 48 मिनट तक
अपराह्न काल- आज दोपहर 1 बजकर 48 मिनट से 4 बजकर 16 मिनट तक

किसका श्राद्ध षष्ठी को किया जाता है?
जिनकी मृत्यु षष्ठी तिथि (शुक्ल या कृष्ण पक्ष) को हुई हो, उनका श्राद्ध इसी दिन किया जाता है. कुछ परंपराओं में स्त्रियों का विशेष श्राद्ध भी षष्ठी तिथि को करने की मान्यता है. इस दिन किया गया श्राद्ध पितरों को संतोष और वंशजों को साहस व रक्षा प्रदान करता है. साथ ही संतान सुख, संतान रक्षा तथा शत्रु-नाश हेतु यह तिथि विशेष प्रभावी है. अगर परिवार में संतान-संबंधी बाधाएं हों या संतान पर संकट हो, तो इस तिथि पर पितरों के लिए श्राद्ध और स्कंद पूजन करना अत्यंत शुभ है. पितृ पक्ष की षष्ठी तिथि साधारण तिथियों की अपेक्षा विशेष मानी जाती है. इस दिन पितरों का श्राद्ध करने के साथ-साथ भगवान स्कंद की उपासना करने से पितृ शांति, संतान रक्षा और परिवार में साहस व उन्नति की प्राप्ति होती है.

षष्ठी तिथि श्राद्ध विधि
सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें.
पवित्र स्थान पर कुशा, जल और तिल का आसन बनाएं.
पितरों के नाम से पिंडदान करें. इसमें चावल, तिल, जौ और घी का प्रयोग होता है.
ब्राह्मणों को भोजन कराना और दक्षिणा देना शुभ माना जाता है
पितरों का स्मरण कर ॐ पितृदेवाय नमः मंत्र का जप करें.
परिवार के सदस्य मिलकर सात्विक भोजन करें और जरूरतमंदों को दान दें.

षष्ठी तिथि को जरूर करें ये कार्य?
पितरों को तर्पण करें.
पितरों को पिंडदान करें.
षष्ठी तिथि के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं.
षष्ठी तिथि को श्राद्ध भोज में पंचबलि कर्म अवश्य करें.
पितरों से जान-अनजाने हुई गलतियों का क्षमा याचना करें.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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पितृ पक्ष की षष्ठी तिथि का कैसे करें श्राद्ध, इस दिन जरूर करें ये 5 काम


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