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Sleeping Vastu Tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने के नियम, जिससे खत्म होगी बीमारी और परेशानियां

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Sleeping Vastu Tips : वास्तु के अनुसार, बिस्तर का मुख पूर्व या दक्षिण दिशा में होना चाहिए. पूर्व दिशा में सिर करके सोने से सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है और नींद के दौरान शांति बनी रहती है. वैकल्पिक रूप से,…और पढ़ें

वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने के नियम, जिससे खत्म होंगी बीमारी और परेशानियां

Sleeping Vastu Tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार, आपके बेडरूम की स्थिति आपकी नींद पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है. यह बेडरूम, बिस्तरों की स्थिति और सोने की दिशा को शांतिपूर्ण नींद के अनुभव के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण कारक मानता है. जानें कैसे बेडरूम के स्थान और सोने की दिशा के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार सरल समायोजन आपके दैनिक जीवन में अधिक तरोताजा नींद के अनुभव को बढ़ावा दे सकते हैं.

वास्तु शास्त्र के अनुसार शयन कक्ष के लिए आदर्श स्थान : वास्तु शास्त्र इस बारे में सटीक मार्गदर्शन प्रदान करता है कि घर में इष्टतम ऊर्जा प्रवाह और खुशहाली के लिए बेडरूम कहाँ होना चाहिए. यहाँ कुछ मुख्य बातें बताई गई हैं:

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दक्षिण-पश्चिम कोने पर जोर दें: वास्तु शास्त्र घर के दक्षिण-पश्चिम कोने को मुख्य शयनकक्ष के लिए सुझाता है. माना जाता है कि यह दिशा व्यक्तिगत जीवन में स्थिरता और मजबूती को बढ़ावा देती है.

इन स्थानों से बचें: बेडरूम के लिए कुछ दिशाओं के बारे में सलाह नहीं दी जाती है. उदाहरण के लिए, भवन के दक्षिण-पूर्व दिशा में बेडरूम होने से दंपतियों के बीच अनावश्यक झगड़े हो सकते हैं. उत्तर-पूर्व दिशा में बेडरूम बनाने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे जीवन में अनिश्चितता आती है और बीमारियां बढ़ती हैं.

इमारत के मध्य में शयन कक्ष: संतुलित ऊर्जा प्रवाह बनाए रखने के लिए भवन के ठीक बीच में शयन कक्ष बनाने से बचना चाहिए.

क्या है सोने का सही समय :  सूर्यास्त के तीन पहर अर्थात लगभग तीन घंटे बाद सोना चाहिए. सोते समय आपका सिर दीवार से कम से कम तीन हाथ की दूरी पर होना चाहिए. शाम के समय भी सोना शुभ नहीं माना जाता. साथ ही यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं है.

ये गलती ना करें : कई लोगों की आदत होती है कि वह सोफे या कुर्सी पर बैठे-बैठे सो जाते हैं. सेहत और वास्तु दोनों की ही दृष्टि से यह ठीक नहीं हैं. बेड पर बैठकर भोजन करना भी अशुभ माना गया है. सोते समय माथे पर तिलक भी नहीं लगाना चाहिए.

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वास्तु शास्त्र के मुताबिक, सोने के लिए कुछ नियम हैं:

  1. बिस्तर का मुंह पूर्व या दक्षिण दिशा में होना चाहिए.
  2. सिर दीवार से कम से कम तीन हाथ की दूरी पर होना चाहिए.
  3. सोते समय किसी भी तरह के उपकरण का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
  4. सोते समय बाल खोलकर नहीं सोना चाहिए.
  5. सोने से पहले बेड पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए.
  6. बेड कहीं से टूटा हुआ नहीं होना चाहिए.
  7. कुर्सी या सोफ़े पर सोना सही नहीं माना जाता.
  8. पूर्व दिशा में सिर करके सोने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और शांति बनी रहती है.
  9. दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से अच्छी नींद आती है और समग्र स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
  10. स्कूल जाने वाले बच्चों का सिर पूर्व दिशा में रखना चाहिए.
  11. दक्षिण-पश्चिम में बेडरूम होने से पति-पत्नी के बीच संबंध मज़बूत होते हैं.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने के नियम, जिससे खत्म होंगी बीमारी और परेशानियां


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