Corner House Vastu: कई लोग जब नया घर लेने जाते हैं, तो सबसे पहले पूछते हैं कि घर कॉर्नर का तो नहीं है. वजह साफ है, वास्तु में कॉर्नर की प्रॉपर्टी को लेकर हमेशा कन्फ्यूजन रहता है. कोई कहता है बिल्कुल मत लो, तो कोई बोलता है कि सही ट्रीटमेंट हो जाए तो दिक्कत नहीं होती. खासकर तब, जब घर में साउथ, साउथ-वेस्ट या साउथ-साउथ वेस्ट की एंट्री हो. ऐसा ही एक केस सामने आता है, जहां लोग करीब 20 साल से कॉर्नर के घर में रह रहे हैं. घर के कॉर्नर पर लाइट का पोल लगा है, गेट साउथ-वेस्ट और साउथ-साउथ वेस्ट की तरफ है और नॉर्थ से भी एक एंट्री बनती है, लेकिन साउथ-वेस्ट वाला दरवाजा साल में एक-दो बार ही खुलता है, वो भी सफाई के लिए. रोजमर्रा में इस्तेमाल सिर्फ साउथ-साउथ वेस्ट और नॉर्थ एंट्री का होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसा घर रहने लायक है या सिर्फ कॉर्नर होने की वजह से इसे अवॉयड कर देना चाहिए. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह. (यहां सुनीता काल्पनिक नाम है.)
कॉर्नर की प्रॉपर्टी क्यों सवालों में रहती है
-वास्तु के हिसाब से कॉर्नर का घर दो दिशाओं से खुला होता है. इसका मतलब ये है कि एनर्जी ज्यादा तेजी से आती-जाती है, अगर दिशाएं सही हों, तो ये फायदा देती है, लेकिन अगर साउथ, साउथ-वेस्ट या साउथ-साउथ वेस्ट से एंट्री हो, तो यही एनर्जी नुकसान भी करने लगती है.
-कॉर्नर पर खंभा, पोल या भारी चीज हो तो प्रेशर और बढ़ जाता है, जो घर वालों की फाइनेंशियल और मेंटल कंडीशन पर असर डाल सकता है.
साउथ-साउथ वेस्ट और साउथ-वेस्ट एंट्री का असर
-इस केस में साउथ-वेस्ट का गेट लगभग बंद ही रहता है, जो एक तरह से राहत की बात है. साउथ-वेस्ट को जितना कम छेड़ा जाए, उतना अच्छा माना जाता है.
-लेकिन साउथ-साउथ वेस्ट का इस्तेमाल अगर रोज हो रहा है, तो दिक्कत यहीं से शुरू होती है. इस दिशा से एंट्री होने पर लोन, डेट्स, पैसे अटकना, काम में रुकावट और तनाव जैसे इशू बार-बार सामने आते हैं.
नॉर्थ एंट्री का होना पॉजिटिव है, लेकिन वो तब ज्यादा असर करती है जब बाकी गलत एंट्री बंद हों.

क्या ये घर रहने लायक है?
-अगर आप लंबे समय के लिए, जैसे 15–20 साल, इस तरह के कॉर्नर घर में रहने की सोच रहे हैं, तो इसे अवॉयड करना ही बेहतर माना जाता है.
-लेकिन अगर मजबूरी में 3, 5 या 7 साल रहना है, तो सही ट्रीटमेंट के साथ इसमें रहा जा सकता है. सबसे जरूरी बात यही है कि साउथ-साउथ वेस्ट और साउथ-वेस्ट दोनों एंट्री को पूरी तरह बंद किया जाए.
-वेस्ट या वेस्ट-साउथ वेस्ट से एंट्री हो, तो वो काफी हद तक बैलेंस बना लेती है.
ट्रीटमेंट से कितनी राहत मिल सकती है
-कॉर्नर की प्रॉपर्टी को पूरी तरह परफेक्ट बनाना मुश्किल होता है, लेकिन नुकसान को कम जरूर किया जा सकता है.
-सही दिशाओं का इस्तेमाल, गलत गेट को बंद रखना, और कॉर्नर पर भारीपन बढ़ाना-ये सब मिलकर असर को हल्का कर देते हैं. फिर भी, अगर लगातार लोन और डेट्स की परेशानी चल रही है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
कब कॉर्नर का घर अवॉयड करना ही सही है
अगर घर में साउथ-साउथ वेस्ट एंट्री एक्टिव हो, कॉर्नर पर पोल या खंभा हो, और साथ में फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स चल रही हों, तो ऐसे घर को बदलने का सोचना समझदारी होती है. कई बार जगह से ज्यादा दिशा नुकसान देती है.
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https://hindi.news18.com/astro/astro-tips-corner-house-south-southwest-entry-vastu-analysis-ws-e-9978789.html
