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Why not use iron diya। लोहे का दीपक पूजा में क्यों इस्तेमाल नहीं करें

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Puja Me Lohe Ka Deepak: हमारे घरों में रोज़ सुबह-शाम जब पूजा होती है तो दीपक जलाना सबसे पहला कदम माना जाता है. दीया सिर्फ़ एक बाती और तेल से भरा छोटा पात्र नहीं है, बल्कि यह अंधकार मिटाने, ज्ञान लाने और सकारात्मकता फैलाने का प्रतीक है. बचपन से ही हम सुनते आए हैं कि अगर घर में रोज़ दीया जलाया जाए तो बुराई दूर रहती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर दीया शुभ नहीं होता? जी हां, पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली धातु का भी बहुत महत्व होता है. कई लोग बिना सोचे-समझे लोहे के दीपक में पूजा करते हैं, लेकिन शास्त्रों के अनुसार यह गलती आपकी पूजा के असर को कम कर सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि हर धातु की अपनी ऊर्जा होती है और जब हम पूजा में गलत धातु का उपयोग करते हैं, तो वो न सिर्फ़ सकारात्मक ऊर्जा को कम करती है बल्कि नकारात्मक असर भी डाल सकती है. चलिए जानते हैं आखिर क्यों लोहे का दीपक पूजा के लिए अशुभ माना जाता है और कौन सी धातुएं इसके लिए सबसे ज्यादा शुभ होती हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

लोहे का दीपक शुभ क्यों नहीं माना जाता
-शास्त्रों में लोहा अशुद्ध धातु माना गया है क्योंकि यह शनि ग्रह से जुड़ा हुआ है. शनि की ऊर्जा कठोर और भारी मानी जाती है. जब पूजा जैसे पवित्र काम में लोहे का इस्तेमाल किया जाता है, तो उससे शनि का प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे जीवन में रुकावटें, आर्थिक तनाव या मानसिक अस्थिरता जैसी चीजें बढ़ सकती हैं.
-कहा जाता है कि लोहे का दीपक जलाने से पूजा स्थल की शुद्धता पर असर पड़ता है और वहां की सकारात्मक ऊर्जा कमजोर पड़ जाती है. यही नहीं, लोहे के दीपक से की गई आरती या पूजा से मन एकाग्र नहीं हो पाता और पूजा का पूरा फल नहीं मिलता.

ज्योतिषीय कारण
-ज्योतिष के अनुसार लोहा शनि की धातु होने के कारण पूजा में इसका प्रयोग न करने की सलाह दी जाती है. शनि न्यायप्रिय जरूर हैं, लेकिन वे कठोर ग्रह माने जाते हैं. पूजा जैसे कोमल और शांति से भरे कर्म में लोहे की ऊर्जा मेल नहीं खाती.
-यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से लोहे के दीपक का उपयोग करता है, तो धीरे-धीरे उसके जीवन में अनचाही रुकावटें, धन की हानि या मानसिक उलझनें बढ़ सकती हैं. इसलिए कहा गया है – “पूजा में लोहे का दीपक नहीं, बल्कि शुभ धातु का दीपक जलाना चाहिए.”

पूजा के लिए कौन-सी धातु का दीपक शुभ होता है
1. पीतल का दीपक – इसे सबसे शुभ माना गया है. पीतल से बनी चीजें घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती हैं और देवी-देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं.
2. तांबे का दीपक – यह धातु शुद्धता और स्वास्थ्य की प्रतीक है. तांबे का दीपक जलाने से मानसिक शांति मिलती है और वातावरण पवित्र रहता है.
3. चांदी का दीपक – यह विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन में इस्तेमाल किया जाता है. इससे घर में समृद्धि आती है और धन संबंधी परेशानियां कम होती हैं.
4. मिट्टी का दीपक – अगर आप किसी विशेष पर्व या व्रत में मिट्टी का दीपक जलाते हैं, तो यह भी शुभ माना जाता है क्योंकि यह धरती से जुड़ी सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है.

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पूजा में सही दीपक का चुनाव कैसे करें
-अगर आप रोज़ाना पूजा करती हैं, तो पीतल या तांबे का दीपक सबसे बेहतर रहेगा. दीया हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में जलाना चाहिए क्योंकि यह दिशा देवताओं की मानी जाती है.
-ध्यान रहे कि दीपक में घी या तिल का तेल भरें और उसे जलाने के बाद ध्यान से रखें ताकि लौ लगातार जलती रहे. कभी भी दीपक बुझने न दें, क्योंकि माना जाता है कि इससे घर की ऊर्जा में रुकावट आती है.

पूजा में लोहे के दीपक का इस्तेमाल करने से क्या होता है
-शास्त्रों में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति बार-बार लोहे के दीपक में पूजा करता है, तो धीरे-धीरे उसके घर का वातावरण भारी महसूस होने लगता है. मानसिक शांति कम होती है और छोटी-छोटी बातों पर तनाव बढ़ता है, अगर आपके घर में ऐसे संकेत दिख रहे हैं, तो तुरंत पीतल या तांबे के दीपक का इस्तेमाल शुरू कर दें.

ध्यान रखें
पूजा का मकसद सिर्फ़ भगवान को प्रसन्न करना नहीं होता, बल्कि अपने भीतर की शांति और सकारात्मकता को बढ़ाना भी होता है. इसलिए जब अगली बार आप पूजा के लिए दीपक जलाएं, तो इस छोटी-सी बात का ध्यान जरूर रखें कि आपकी भक्ति सही दिशा में जाए.


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