Home Culture करौली का रियासत कालीन माल मेला: मसालों और हस्तशिल्प का प्रमुख केंद्र.

करौली का रियासत कालीन माल मेला: मसालों और हस्तशिल्प का प्रमुख केंद्र.

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Holi Special Fair: शुरू से ही करौली का माल मेला अपने शुद्ध और साबुत मसाले के लिए प्रसिद्ध रहा है. इस मेले की खासियत, इसके साबुत मसालें हैं. सिर्फ 7 दिन के लिए लगने वाला माल मेला सालभर के लिए रसोई में साबुत मसाल…और पढ़ें

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माल मेला करौली 2025

हाइलाइट्स

  • 7 दिन पहले शुरू होता है करौली का माल मेला होली
  • मेला शुद्ध मसाले, लोहे के बर्तन और पारंपरिक आइटमों के लिए है प्रसिद्ध
  • मेले में बिजली, पानी और सुरक्षा की सभी व्यवस्थाएं होती हैं

करौली. राजस्थान के करौली में होली से ठीक 7 दिन पहले भरने वाले रियासत कालीन माल मेले का आगाज हो चुका है. जैसे-जैसे होली का पर्व नजदीक आता जा रहा है वैसे ही करौली के माल मेले की रौनक भी दिनों -दिन बढ़ती जा रही है. हर साल इस मेले का आयोजन करौली में महाशिवरात्रि पशु मेले के बाद किया जाता है. इस बार का माल मेला भी पूरी तरह से अपने शबाब पहुंच चुका है. करौली में होली के अवसर पर भरने वाला यह एकमात्र ऐसा मेला है जिसका इंतजार करौलीवासी को सालभर है.

शुद्ध और साबुत मसाले के लिए प्रसिद्ध
शुरू से ही करौली का माल मेला अपने शुद्ध और साबुत मसाले के लिए प्रसिद्ध रहा है. इस मेले की खासियत, इसके साबुत मसालें हैं. सिर्फ 7 दिन के लिए लगने वाला माल मेला सालभर के लिए रसोई में साबुत मसाले का स्टॉक भर जाता है.

लकड़ी और हाथ से बने आइटमों के लिए भी प्रसिद्ध
राजशाही जमाने से करौली के मेला ग्राउंड परिसर में भरते आ रहे माल मेले की एक खास बात यह है कि यह होली से कुछ दिनों पहले ही शुरू होता है और होली के ठीक 1 दिन पहले ही समाप्त होता है. करौली का माल मेला सिर्फ मसालों तक ही सीमित नहीं है. यह मेला शुद्ध लोहे के बर्तनों, कई पारंपरिक जायकों और लकड़ी और हाथ से बने आइटमों के लिए भी प्रसिद्ध है.

रियासत कालीन मेला ग्राउंड परिसर में होता है आयोजित
वरिष्ठ पशु चिकित्सक ब्रह्म पांडे ने Bharat.one से खास बातचीत में कहा कि करौली का माल मेला किसानों  और राजस्थान के अनेक जिलों के व्यापारियों द्वारा आयोजित किए जाने वाला एक आत्म अनुशासित मेला है. जो होली से 7 दिन पहले आयोजित होता है और एक दिन पहले दोपहर तक समाप्त हो जाता है. डॉ पांडे का कहना है कि हर साल यह मेला पशुपालन विभाग की जमीन और रियासत कालीन मेला ग्राउंड परिसर में आयोजित किया जाता है. इसलिए इस मेले में बिजली, पानी और सुरक्षा शांति जैसी सभी व्यवस्थाएं पशुपालन विभाग द्वारा व्यापारियों के लिए की जाती है.

लाल मिर्ची की बिक्री के लिए मशहूर
डॉ पांडे के मुताबिक करौली के माल मेले में अनेक प्रांतो से आने वाले सूखे मसालों की व्यापक पैमाने पर खरीद-फिरोख्त की जाती है. विशेषतौर से लाल मिर्ची की बिक्री के लिए यह मेला राजाओं के जमाने से करौली में मशहूर रहा है. करौली के माल मेले में मसालों की खरीदारी करने पहुंचे मुकुट बिहारी शर्मा ने बताया कि माल मेला करौली में बहुत ही प्राचीन समय से भरता रहा है. यह मेला करौली के सबसे भव्य मेलों में से एक है. जिसका हर वर्ष शहरवासी और ग्रामीण अंचल के लोग इंतजार भी करते हैं.

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करौली में शुरू हुआ माल मेला, लाल मिर्च और मसालों की बिक्री के लिए फेमस


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/culture-fair-held-in-karauli-in-the-month-of-falgun-has-started-traditionally-it-ends-a-day-before-dhulendi-local18-9092043.html

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