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समाज की सीमाओं और रूढ़ियों को तोड़ते हुए अंबाला की शबनम नाथ ने न सिर्फ खुद को एक सशक्त कलाकार के रूप में स्थापित किया, बल्कि कथक जैसी पारंपरिक कला को नई पहचान दिलाई. कभी जिन बेटियों को मंच पर आने से रोका जाता थ…और पढ़ें
शबनम नाथ ने 2004 में मात्र चार छात्राओं के साथ इस संस्था की शुरुआत की थी. आज यह संस्था 80 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित कर रही है. उनकी अगुआई में कई छात्र देश और विदेश में भी अपनी नृत्य अकादमियां चला रहे हैं. पंजाब यूनिवर्सिटी से कथक ऑनर्स कर चुकीं शबनम ने सामाजिक रुकावटों के बावजूद मंच पर आकर खुद कथक प्रस्तुत किया और लोगों की सोच को बदलने में सफलता पाई.
शबनम नाथ का उद्देश्य है कि हर वर्ग की महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ें.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/culture-shabnam-nath-kathak-artist-women-empowerment-in-ambala-local18-9425265.html