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Valentine Special: पूजा नहीं, प्रेम विवाह के लिए प्रसिद्ध है ये मंदिर, वेलेंटाइन डे पर प्रेमी जोड़ों की होती है शादी, जानिए इसकी खासियत

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Agency:Bharat.one Chhattisgarh

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Valentine Special: अक्सर मंदिरों की चर्चा पूजा-पाठ और भक्ति के लिए की जाती है. लेकिन रायपुर में एक मंदिर अपने अनोखे विशेषता के लिए प्रसिद्ध है. यहां हर साल वेलेंटाइन डे पर प्रेमी जोड़े विधि-विधान से शादी करते है…और पढ़ें

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आर्य समाज मंदिर, रायपुर

हाइलाइट्स

  • रायपुर के आर्य समाज मंदिर में हर साल 1700 से अधिक प्रेम विवाह
  • वेलेंटाइन डे पर दर्जनों जोड़े इस मंदिर में करते हैं विवाह
  • विवाह के लिए 18 वर्ष की लड़की और 21 वर्ष का लड़का होना जरूरी

 रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसा मंदिर है, जहां हर साल हजारों प्रेमी जोड़े अपने प्यार को शादी के पवित्र बंधन में बदलते हैं. बैजनाथ पारा स्थित आर्य समाज मंदिर को लोग प्यार से ‘प्रेम मंदिर’ भी कहते हैं. 1907 में स्थापित इस मंदिर का उद्घाटन स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय ने किया था.  यह मंदिर तब से ही प्रेम विवाहों का साक्षी बनता आ रहा है. मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल भी इससे जुड़े रहे थे.

हजारों शादियों का गवाह बना यह मंदिर
अब तक इस मंदिर में कई हजार जोड़ों का प्रेम विवाह हो चुका है. यहां हर साल औसतन 1700 से अधिक शादियां होती हैं. खासकर वेलेंटाइन डे के आसपास शादी करने वालों की संख्या बढ़ जाती है. आर्य समाज मंदिर में विवाह प्रक्रिया सरल, कानूनी और पूरी तरह वैध है. यहां हर साल 14 फरवरी को दर्जनों जोड़े विवाह बंधन में बंधते हैं. इस दिन यह मंदिर प्रेमी जोड़ों से गुलजार रहता है, जहां हर कोई अपने प्यार को अमर बनाने की ख्वाहिश लेकर आता है. रायपुर का यह आर्य समाज मंदिर न सिर्फ विवाह स्थल है, बल्कि उन प्रेमियों के लिए एक आश्रय और उम्मीद भी है, जो समाज और परिवार की बंदिशों के कारण अपने प्यार को खोना नहीं चाहते.

लड़की की उम्र 18 और लड़के की उम्र 21 वर्ष होना जरूरी
कर्मचारी नंदकुमार साहू ने लोकल18 को बताया कि आर्य समाज के इस प्रेम मंदिर में शादी करने के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की उम्र 21 वर्ष पूरी होनी चाहिए. ऐसी स्थिति में ही उनका विवाह हो सकता है. विवाह समिति के अधिकारी दोनों पक्षों से बालिग होने की पुष्टि करते हैं. साथ ही उनके डॉक्यूमेंट जैसे मार्कशीट, आधार कार्ड, पैन कार्ड या जन्म प्रमाणपत्र, ड्राइविंग लाइसेंस में डेट ऑफ बर्थ देखते हैं. यदि बालिग हैं तो विवाह के लिए जरूरी सामान के बारे में बताया जाता है. विवाह के लिए तीन गवाह की आवश्यकता होती है. उनकी उपस्थिति होने पर ही मंदिर के द्वारा विवाह कराया जाता है.

विवाह के लिए 5500 रुपए शुल्क निर्धारित, मिलता है सर्टिफिकेट
आगे बताया कि विवाह समिति के अधिकारियों द्वारा पुरोहितों को अनुमति प्राप्त होती है. विवाह में पूजा कराते हैं, पूरे विधि विधान के साथ एक दूसरे को वरमाला पहनाते हैं, कन्या दान होता है. मंगलसूत्र, सिंदूर, सप्तपदी की प्रक्रिया पूरी होती है तब जाकर विवाह पूर्ण होती है. विवाह के बाद वर और वधु को सर्टिफिकेट भी दिया जाता है. आर्य समाज के इस मंदिर में विवाह के लिए 4 पासपोर्ट साइज फोटो, 5500 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है. गठबंधन के लिए पीला कपड़ा, वरमाला, मंगलसूत्र, मिठाई की आवश्यकता होती है. आर्य समाज का यह मंदिर सैकड़ों वर्षों से चला आ रहा है. यह मंदिर वैधानिक और मान्यता प्राप्त है. साल भर में यहां 1700 से अधिक जोड़ों की शादियां होती हैं.

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पूजा नहीं, प्रेम विवाह वाला मंदिर! वेलेंटाइन डे पर प्रेमी जोड़े करते हैं शादी


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