देवघर. व्यक्ति की कुंडली उनके जन्म के समय के ग्रह नक्षत्रों के आधार पर बनाई जाती है, और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन में होने वाले अच्छे-बुरे प्रभावों के पीछे ग्रह नक्षत्रों का महत्वपूर्ण कारण होता है. जब जातक की कुंडली में शनि की महादशा आ जाती है, तो अच्छा समय भी बुरे वक्त में बदल सकता है, क्योंकि शनि को सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है. शनि व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल देता है. इस दौरान व्यक्ति को कभी न कभी शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या अंतर्दशा का सामना करना पड़ता है. यदि व्यक्ति को शनि की महादशा का सामना करना पड़े, तो उसके जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. तो आइए जानते हैं शनि की महादशा के लक्षण और उपायों के बारे में, देवघर के ज्योतिषाचार्य से…
क्या हैं शनि के महादशा के लक्षण
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि शनि को सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है. हर व्यक्ति को कभी न कभी शनि की महादशा का सामना करना पड़ता है, और इसका प्रभाव व्यक्ति के व्यापार, करियर, और सामाजिक जीवन पर पड़ता है. यदि आपका सामान बार-बार खो रहा है, घर में लगातार लड़ाई-झगड़े हो रहे हैं, आप मानसिक तनाव में रहते हैं, किसी बात पर बार-बार गुस्सा आ रहा है, व्यापार में लगातार नुकसान हो रहा है, महत्वपूर्ण कार्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं, या शादी में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं, तो ये सब शनि की महादशा के लक्षण हो सकते हैं.
शनि की महादशा से बचने के उपाय
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि शनि की महादशा से बचने के लिए कई उपाय हैं. शनि के मंदिर में पूजा और आराधना करना, और वहां दीया जलाना फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा, पीपल के पेड़ के नीचे संध्या काल में तिल के तेल का दीया अवश्य जलाएं. हर शनिवार या मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें, चोला चढ़ाएं, और हनुमान चालीसा का पाठ करें, क्योंकि हनुमान जी के भक्तों पर शनि की कुदृष्टि नहीं पड़ती है.
FIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 14:47 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.