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इस खास योग में पड़ रहा है प्रदोष व्रत, इस दिन पूजा से खत्म होंगी सभी बाधाएं, आएगी खुशहाली!

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Haridwar: प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. इस बार का शुक्ल पक्ष का व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ रहा है. इस दिन खास पूजा-अर्चना से न केवल सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी बल्कि हमेशा शिव कृपा भी मिलेगी.

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खास योग में होगा फाल्गुन शुक्ल का प्रदोष व्रत 

हाइलाइट्स

  • प्रदोष व्रत 11 मार्च को सर्वार्थ सिद्धि योग में है.
  • इस व्रत में शिव पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी.
  • सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा से कई गुना लाभ मिलेगा.

हरिद्वार. हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल भर में त्योहारों का आगमन मानव कल्याण के लिए होता है. कुछ तिथि बेहद ही शुभ और लाभदायक होती हैं. कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों में प्रदोष व्रत का आगमन सुख समृद्धि और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए होता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है. प्रदोष काल में भगवान शिव की आराधना, पूजा पाठ, स्तोत्र आदि का पाठ करना बेहद शुभ होता है.

ज्योतिष शास्त्र में कुछ योग बेहद महत्वपूर्ण और लाभ प्रदान करने वाले बताए गए हैं. इन योगों का समय-समय पर आगमन होता रहता है. अगर इन योगों का आगमन किसी वृत्त के दौरान हो तो उसमें की गई पूजा पाठ, मंत्रों का जाप, स्तोत्र आदि का पाठ करने पर विशेष लाभ मिलता है.

इस बार कब होगा व्रत
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए उत्तराखंड हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं की फाल्गुन शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 11 मार्च, मंगलवार को होगा. प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है जिसमें भोलेनाथ की पूजा पाठ, पूजा अर्चना, मंत्रों का जाप, स्तोत्र आदि का पाठ करने पर सभी कामों में सफलता मिलेगी.

संयोग से इस बार प्रदोष व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में पड़ रहा है. प्रदोष व्रत के दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग होने से जातकों को इसका कई गुना लाभ मिलेगा. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार प्रदोष व्रत में सर्वार्थ सिद्धि योग आने से इसका समय बेहद ही श्रेष्ठ और फलदाई है.

होंगी सभी मनोकामनाएं पूरी
वे आगे बताते हैं कि भगवान शिव की पूजा पाठ इस श्रेष्ठ समय सर्वार्थ सिद्धि योग में करने पर श्रद्धालुओं को सिद्धि मिलेगी और भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे. साथ ही जीवन में चल रही सभी समस्याएं, बाधाएं खत्म हो जाएंगी. ज्योतिष शास्त्र में सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कोई भी धार्मिक कार्य का करोड़ों गुना फल मिलने की धार्मिक मान्यता है.

अगर श्रद्धालु 11 मार्च को प्रदोष काल के समय भगवान शिव के शिव तांडव, शिव महिम्न, रुद्राष्टक, पशुपत्येष्टक आदि स्तोत्रों का पाठ करता है तो सभी कामों में सफलता, अकाल मृत्यु से मुक्ति, धन, संपत्ति वगैरह की प्राप्त होगी.

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इस खास योग में पड़ रहा है प्रदोष व्रत, इस दिन पूजा से खत्म होंगी सभी बाधाएं!

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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