Home Dharma इस पहाड़ी में छिपा है गणेशजी का अद्भुत स्वरूप, कुदरत ने खुद...

इस पहाड़ी में छिपा है गणेशजी का अद्भुत स्वरूप, कुदरत ने खुद रचा ये चमत्कार! 3 किमी दूर से दिखती है आकृति

0


Last Updated:

Sirohi Magriwala Ganeshji: सिरोही जिले के मगरीवाडा गांव में एक अनोखी पहाड़ी पर भगवान गणेश की प्राकृतिक रूप से बनी आकृति लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र बन गई है. करीब 1200 फीट ऊंची इस चोटी पर भगवान गणेश का सिर, स…और पढ़ें

सिरोही. हिन्दू धर्म में हर काम में सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान गणेश की देश में कई प्रतिमाएं है, लेकिन आज हम आपको भगवान गणेश की सबसे विशाल प्रतिमा के बारे में बताने जा रहे हैं. ये स्वरूप स्वयं प्रकृति ने दिया है. जी हां, प्रदेश के सिरोही जिले के रेवदर उपखण्ड में मगरीवाडा गांव है. यहां एक पहाड़ी पर भगवान गणेश की स्वयं भू गणेश प्रतिमा नजर आती है. अरावली पर्वतमाला का हिस्सा इस गांव में पहाडियों के रूप में फैला हुआ है. इनमें से एक इस पहाड़ी को इसके इस स्वरूप की वजह से मगरीवाले गणेश के रूप में जाना जाता है.

मंडार के रंजीत सिंह ने बताया कि गांव में अधिक पहाड़ियां यानी मगरियां होने की वजह से इस गांव का नाम भी मग़रीवाडा हो गया. गांव में करीब 1200 फीट की पहाड़ी है. जिसे मगरीवाले गणेश मंदिर के रूप में जाना जाता है. इसमें गणेशजी का सिर, सुंड और पेट प्राकृतिक रूप से उभरे हुए प्रतीत होते हैं. वर्ष 2006 में ग्रामीणों ने इस पहाड़ी पर चढ़ाई कर ध्वजा फहराई थी.

3-4 किमी दूर से नजर आते हैं भगवान गणेश

ये पहाडी ऊंची होने से करीब तीन से चार किलोमीटर दूर से गणेशजी का स्वरूप दिखाई देता है. पहाड़ी की चोटी पर केवल पथरीले रास्ते से पैदल ही पहुंचा जा सकता है. इस पहाड़ी पर चढ़कर गांव के रावल ब्राह्मण पुजारी और ग्रामीण हर साल गणेश चतुर्थी पर  पूजा-अर्चना कर ध्वजा चढ़ाते हैं. यहां रेवदर, मंडार व आस-पास के गांवों से लोग यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ग्रामीणों का मानना है कि सच्चे मन से यहां की गई मनोकामना पूरी होती है. धीरे-धीरे यह स्थान ग्रामीणों की आस्था का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है.

भक्तों की मान्यता है कि मगरीवाला गणेशजी के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. मगरीवाला गणेश के पास ही एक प्राकृतिक गुफा भी बनी हुई है. जिसमें आपेश्वर महादेव विराजमान हैं. करीब आठ दशक पहले क्षेत्र के माने हुए संत और तपस्वी मुनिजी महाराज ने यहां 12 सालों तक तपस्या की थी. यहां ब्रह्रालीन मस्तगिरी महाराज ने वर्षों तक तपस्या की थी. संत के सानिध्य में इस स्थान की पहचान मगरीवाला गणेशजी के रूप में हुई.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

सिरोही के इस पहाड़ी में छिपा है गणेशजी का स्वरूप, कुदरत ने खुद रचा यह चमत्कार!

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version