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इस मंदिर के नाम पर पड़ा अंबाला का नाम? पिंडी रूप में मां देती हैं दर्शन, जानिए रोचक पौराणिक कथा!

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Chaitra Navratri 2025 अंबाला में चैत्र नवरात्र की धूम है, श्रद्धालु मां अंबिका देवी मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं. मान्यता है कि अंबाला का नाम भी मां अंबा से जुड़ा है. मंदिर के पुजारी के अनुसार, यहां मां …और पढ़ें

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अंबाला में मां अंबिका देवी का ऐसा मंदिर जहां पर होती है पिंडी रूप में पूजा.

हाइलाइट्स

  • अंबाला में मां अंबिका देवी का प्राचीन मंदिर है.
  • भक्त मां अंबिका देवी की पिंडी रूप में पूजा करते हैं.
  • नवरात्रों के पहले दिन मंदिर में विशेष श्रृंगार किया गया.

अंबाला. चैत्र मास के नवरात्रों की शुरुआत हो गई है. लोग सुबह से ही अपने-अपने इलाके के मंदिरों में जाकर मां शेरावाली की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. नवरात्रों के नौ दिनों तक मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. लोग अपने घरों में कलश स्थापित कर देवी मां की आराधना करते हैं.

अंबाला में स्थित मां अंबिका देवी का प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है. दूर-दूर से भक्त इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, यहां देवी मां ने भक्तों को पिंडी रूप में दर्शन दिए थे. तब से भक्त मां अंबिका देवी की पिंडी रूप में पूजा करते आ रहे हैं.

लोगों की यह भी मान्यता है कि अंबाला का नाम भी मां अंबा देवी के नाम से जुड़ा हुआ है. भक्तों का विश्वास है कि मां अंबिका देवी उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.

मंदिर के पुजारी ने दी जानकारी
मंदिर के पुजारी जतिन शर्मा ने बताया कि अंबाला शहर का मां अंबिका देवी मंदिर बहुत पुराना है और अंबाला का नाम मां अंबा के नाम से ही पड़ा है. उन्होंने कहा कि हिंदू नववर्ष के साथ ही चैत्र मास के नवरात्रों की शुरुआत हो गई है.

उन्होंने बताया कि इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. नवरात्र के पहले दिन मंदिर में शाम के समय माता रानी का फूल और ड्राई फ्रूट से विशेष श्रृंगार किया गया.

श्रद्धालुओं ने लगाई माता के दरबार में हाजिरी
मंदिर में आई श्रद्धालु श्वेता ने बताया कि नवरात्रों की शुरुआत के पहले दिन वह अंबिका देवी मंदिर में माथा टेकने आई हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने घर में माता रानी के नाम से कलश स्थापित किया है और नौ दिनों तक देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करेंगी.

उन्होंने बताया कि हर साल नवरात्रों के पहले दिन वह मां अंबिका देवी के मंदिर में दर्शन के लिए आती हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

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इस मंदिर के नाम पर पड़ा अंबाला का नाम? पिंडी रूप में मां देती हैं दर्शन, जानिए

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