Last Updated:
Maha Shivratri 2025: अंबाला के इंद्रजीत अपनी अनोखी भक्ति के लिए जाने जाते हैं. वे प्रतिदिन शिवलिंग का श्रृंगार चंदन और चिकनी मिट्टी से करते हैं. उज्जैन महाकाल से प्रेरित होकर उन्होंने यह कला अपनाई. हर उत्सव पर …और पढ़ें
अंबाला में बाबा महाकाल का ऐसा भक्त, उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की तरह अंबाल
हाइलाइट्स
- इंद्रजीत अंबाला में महाकाल के भक्त के रूप में प्रसिद्ध हैं.
- वे प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार करते हैं.
- इंद्रजीत प्राकृतिक तरीके से शिवलिंग का श्रृंगार करते हैं.
अंबाला. कहते हैं कि भक्ति करने का सबका अपना तरीका होता है. कुछ लोग प्रतिदिन मंदिर जाकर दीप जलाते हैं, तो कुछ फूल और फल चढ़ाकर भगवान को प्रसन्न करते हैं. लेकिन आज हम आपको भगवान महाकाल के एक ऐसे भक्त के बारे में बताएंगे, जो प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार करके उन्हें प्रसन्न करता है.
हरियाणा के अंबाला जिले में इंद्रजीत नामक व्यक्ति रहते हैं, जो पेशे से एक छोटी कंपनी में काम करते हैं. लेकिन शाम के समय वे प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार करते हैं. खास बात यह है कि इंद्रजीत ने यह श्रृंगार करना किसी से सीखा नहीं है, बल्कि बाबा महाकाल की आराधना से प्रेरणा पाई है. वे रोजाना कंपनी से छुट्टी के बाद मंदिर जाते हैं और वहां चंदन व चिकनी मिट्टी से भोलेनाथ का श्रृंगार करते हैं.
अंबाला में महाकाल के भक्त के रूप में मिली पहचान
इंद्रजीत की भक्ति को देखकर अब लोग उन्हें अंबाला में महाकाल के भक्त के नाम से बुलाने लगे हैं. Bharat.one से बातचीत में उन्होंने बताया कि वे प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार करते हैं और यह कला उन्होंने उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से सीखी है. शुरुआत में वे अंबाला के कैलाश मंदिर, हाथी खाना में चंदन से श्रृंगार करते थे, लेकिन महाकाल के श्रृंगार से प्रेरणा लेकर अब वे चिकनी मिट्टी से भोलेनाथ का श्रृंगार करने लगे.
प्राकृतिक तरीके से करते हैं श्रृंगार
इंद्रजीत ने बताया कि वे रोजाना शिवलिंग पर नदी की चिकनी मिट्टी से भगवान के अलग-अलग स्वरूप का आकार देते हैं. यह श्रृंगार पूरी तरह प्राकृतिक तरीके से किया जाता है. उनकी भक्ति को देखने के लिए हरियाणा के अलग-अलग जिलों से लोग आते हैं.
हर उत्सव पर बनाते हैं अलग स्वरूप
इंद्रजीत का कहना है कि वे विभिन्न उत्सवों पर भगवान के अलग-अलग स्वरूप बनाते हैं, जिससे उन्हें बहुत खुशी मिलती है. उनका मानना है कि यह कार्य उन्हें आध्यात्मिक शांति और आनंद प्रदान करता है.
February 26, 2025, 21:46 IST
इस शख्स में शिवभक्ति का ऐसा जुनून, जो भी देख रहा कह रहा- महाकाल का सच्चा सेवक!