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Chaitra Purnima 2025: चैत्र पूर्णिमा 2025 इस साल 12 अप्रैल को मनाई जाएगी. यह हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा होती है और इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व होता है. ज्योतिषाचार्य…और पढ़ें
पूर्णिमा तिथि के बारे में बताते देवघर के ज्योतिषाचार्य
हाइलाइट्स
- चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी.
- पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:12 से 09:43 बजे तक है.
- हनुमान जयंती पर हनुमान जी की पूजा का समय 07:00 से 08:30 बजे तक है.
परमजीत /देवघर: चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखती है. यह नववर्ष की पहली पूर्णिमा होती है और इस दिन भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि होती है.
इस साल चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल 2025 को पड़ रही है. इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है, जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है. देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल बताते हैं कि इस तिथि पर हनुमान जी, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है.
कब है चैत्र पूर्णिमा 2025?
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा तिथि का आरंभ 12 अप्रैल को प्रातः 03:46 बजे होगा और समापन 13 अप्रैल को प्रातः 04:58 बजे होगा. उदया तिथि के अनुसार व्रत और पूजा 12 अप्रैल को ही की जाएगी.इस दिन खरमास की समाप्ति भी हो रही है, जिससे धार्मिक दृष्टि से यह और भी शुभ माना जाता है.
क्या करें चैत्र पूर्णिमा के दिन?
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें.हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान चालीसा का पाठ करें और रामायण कथा का श्रवण करें. चंद्रमा को अर्घ्य देने से मानसिक शांति और कष्टों से मुक्ति मिलती है. गंगा स्नान करने और दान-पुण्य करने से पुण्य प्राप्ति होती है.
शुभ मुहूर्त में करें पूजा
पूजा का शुभ समय: 12 अप्रैल सुबह 06:12 बजे से 09:43 बजे तक.
हनुमान जयंती पर हनुमान जी की विशेष पूजा का समय: सुबह 07:00 से 08:30 बजे तक.
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
जो लोग पूरे चैत्र मास में पूजा-पाठ नहीं कर पाते, उनके लिए इस दिन राम कथा या हनुमान कथा का श्रवण अत्यंत लाभकारी होता है.चंद्रमा को जल अर्पित करने से मन शांत होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.दान और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
चैत्र पूर्णिमा से जुड़ी मान्यताएं
देवघर के ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस दिन व्रत और पूजा करने से न केवल वर्तमान जीवन में सुख-शांति मिलती है, बल्कि यह अगले जन्मों तक प्रभाव डालती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.