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क्या बेटी की शादी में मां को रोना चाहिए? शास्त्रों के हिसाब से गलत या सही…पंडित जी ने बताया प्रभाव

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मधुबनी:- जब किसी लड़की का विवाह होता है, तो सबसे ज्यादा खुश मां-बाप होते हैं और विदाई के वक्त सबसे ज्यादा दु:ख या रोना मां-बाप को ही आता है, चाहे लड़की कितने में खुशी परिवार में गई हो, कितने भी अच्छे से रहे, लेकिन विदाई के वक्त मां सबसे अधिक रोती है और सबसे ज्यादा दु:ख उन्ही को होता है. आखिर शास्त्र के हिसाब से यह क्या मां का रोना शुभ माना जाता है. इसके बारे में आचार्य गिरधर झा ने अहम जानकारी दी है.

शास्त्रों में रोना शुभ या अशुभ 
स्कन्दपुराण में एक श्लोक है, ‘कन्यायाण विवाहार्थम वरं श्रेष्ठतम विचारेयण’, जिसका मतलब यह है कि कन्या के लिए उनके माता-पिता श्रेष्ठ वर ढूंढे रहे हैं, लेकिन फिर भी अपनी बेटी को किसी और को देने से उनके लिए काफी दुखदायी है. मां का रोना शास्त्र के हिसाब से सही माना जाता है, क्योंकि जो मां 9 महीने बेटी को गर्भ में रखकर और फिर उसे जन्म देती है, वह अगर किसी और कुल खानदान में किसी और नाम से, किसी और गोत्र में, किसी और मूल में जा रही है, तो वह उनके लिए दु:ख की बात है. यह सामाजिक परंपरा भी है, इसके साथ ही यह पौराणिक मान्यता भी है और शास्त्र भी यही कहता है. हालांकि आगे ज्योतिष गिरिधर झा यह भी बताते हैं कि हमारी पुरानी परंपरा जो पूर्वजों से होती आई है, हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म वही माना जाता है.

रामायण काल से जुड़ी है परंपरा
मां का रोना धर्म शास्त्र के हिसाब से शुभ माना जाता है. इसके लिए शास्त्र इजाजत देता है. दरअसल रामायण काल से भी जुड़ा हुआ है, क्योंकि मां सीता जब अपने ससुराल गई, तो दशरथ और उनकी पत्नी भी रो रही थी. इसके साथ ही पुराने जितने भी ऋषि मुनि हुए हैं, उनका जब विवाह हुआ, उस टाइम में उनकी मां रोई हैं. देवगन, ईश्वर भी जब विवाह करके आए हैं, तो उसकी मां रोती हैं. हमारा शास्त्र इसका अधिकार देता है, क्योंकि यह दृश्य एक मां-पिता के लिए हृदय विधारक ही होता है.

जिसे 9 महीने अपने गर्भ में रखकर इतनी नाजुक से पाल रही थी, अब वह किसी और जगह जा रही है, तो उनके लिए बहुत दुख की बात होती है. किसी और घर लड़की न भी जाए, अपनी मां के घर भी रूकती है, फिर भी विवाह के बाद लड़की का नाम अपने पति के नाम से जोड़ा जाता है. कुल, परंपरा, रस्म रिवाज, मर्यादा की रक्षा अब पति के परिवार के हिसाब से करना होता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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