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क्या महिलाएं अकेले कर सकती हैं हज यात्रा? क्या कहता है शरीयत कानून? जानिए सबकुछ

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Hajja Yatra: क्या महिलाएं अकेले हज यात्रा पर जा सकती है. क्या अब भी उसके लिए महरम का साथ अनिवार्य है? और अगर अकेले जाना मुमकिन है, तो किन हालात में, किन उम्र के बाद, और किन शर्तों के साथ उसे इसकी इजाज़त मिल सकत…और पढ़ें

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क्या महिलाएं अकेले कर सकती हैं हज यात्रा, क्या नियम है शरीयत के कानून में

हाइलाइट्स

  • महिलाएं 40 साल की उम्र के बाद अकेले हज पर जा सकती हैं.
  • 40 साल से कम उम्र की महिलाएं महरम के बिना हज पर नहीं जा सकतीं.
  • शादीशुदा महिलाएं शौहर के साथ हज पर जा सकती हैं.

वसीम अहमद /अलीगढ़. इस्लाम धर्म के पांच बुनियादी अरकान (स्तंभों) में से एक है हज, जो हर उस मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज़ है, जो इसे अदा करने की साहिबे हैसियत रखता हो. हज सिर्फ एक इबादत नहीं, बल्कि एक रूहानी सफर है, जो दुनिया भर के मुसलमानों को एक जगह एकत्र कर बराबरी, भाईचारे और खुदा की बंदगी का अहसास कराता है. सदियों से महिलाओं के लिए हज का सफर महरम (कोई करीबी पुरुष रिश्तेदार जैसे शौहर, बाप, बेटा या भाई) के साथ ही मुमकिन समझा जाता था. इसकी वजह सुरक्षा, सामाजिक ढांचा और शरीयत की हिफाजती सोच रही है.

हालांकि वक्त के साथ समाज में बदलाव आया है. महिलाओं की शिक्षा, आत्मनिर्भरता और यात्रा के सुरक्षित साधनों ने नए सवालों को जन्म दिया है. क्या आज की महिला अकेले हज पर जा सकती है? क्या अब भी उसके लिए महरम का साथ अनिवार्य है? और अगर अकेले जाना मुमकिन है, तो किन हालात में, किन उम्र के बाद, और किन शर्तों के साथ उसे इसकी इजाज़त मिल सकती है? इन्ही सारे सवालों के जवाब जानने के लिए Bharat.one की टीम ने अलीगढ़ के हज ट्रेनर मोहम्मद शमशाद अहमद खान से खास बातचीत की.

Bharat.one से खास बातचीत में अलीगढ़ के हज ट्रेनर शमशाद अहमद खान बताते हैं कि कोई महिला अकेले हज पर जाना चाहती है तो वह जा सकती है, लेकिन इसमें उम्र की पाबंदी होती है. यानी कि 40 साल की अगर महिला है तो वह अकेले हज पर जा सकती है या 40 साल से ऊपर की महिला है तो वह जा सकती है. और अगर कोई महिला या लड़की 40 साल से कम उम्र की है तो वह हज करने अकेले नहीं जा सकती. अगर कोई महिला शादीशुदा है तो वह अपने शौहर के साथ जा सकती है और अगर कुंवारी है तो वह अपने भाई या पिता के साथ जा सकती है, लेकिन अकेले नहीं जा सकती. अगर उसकी उम्र 40 से कम है तो. शरीयत कानून के अनुसार कम उम्र की बच्चियां हज पर नहीं जा सकती.

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