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खंडवा का चमत्कारी महालक्ष्मी मंदिर, यहां रात 1 बजे होता है विशेष श्रृंगार, दीपावली पर उमड़ती है भक्तों की भीड़

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मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित महालक्ष्मी मंदिर भक्तों की आस्था का अद्भुत केंद्र है. इस मंदिर की खासियत यह है कि माता महालक्ष्मी का यहां विशेष श्रृंगार रात में ही किया जाता है. मान्यता है कि इस समय दर्शन करने से भक्तों पर माता की विशेष कृपा होती है. यही नहीं, मंदिर में हर साल दीपावली पर विशेष पूजन और भव्य आयोजन होते हैं, जिनमें सैकड़ों भक्त खंडवा और आसपास के क्षेत्रों से यहां पहुंचते हैं.

अद्भुत श्रृंगार और दक्षिण भारतीय परंपरा
खंडवा के इस महालक्ष्मी मंदिर में देवी की पूजा दक्षिण भारतीय पद्धति से की जाती है, जिसे “दक्षिण सभ्यता” कहा जाता है. यहां रात को 1 बजे माता महालक्ष्मी का विशेष श्रृंगार किया जाता है, जिसमें उन्हें कोसे की विशेष साड़ी पहनाई जाती है, जो बाहर से मंगाई जाती है. पंडित सुबोध बर्वे बताते हैं कि यह विशेष श्रृंगार हर रोज नहीं बल्कि केवल दिवाली की रात को किया जाता है, और फिर सूर्योदय से पहले इस श्रृंगार को बदल दिया जाता है. इसे देखने का अवसर केवल भाग्यशाली भक्तों को ही मिल पाता है. यह एक ऐसा अनुभव है जो भक्तों में आध्यात्मिक शक्ति का संचार करता है और उनकी श्रद्धा को और भी मजबूत बनाता है.

दिवाली महोत्सव और कोसांबा पूजन
दीपावली के समय मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. लाल चौकी स्थित इस महालक्ष्मी मंदिर में दीपावली महोत्सव की तैयारी हफ्तों पहले से शुरू हो जाती है. इस दौरान मंदिर पूरी रात भक्तों के लिए खुला रहता है, जिससे श्रद्धालु माता के विशेष श्रृंगार और पूजन के भागी बन सकें. खास बात यह है कि दिवाली की अमावस्या की रात को यहां कोसांबा पूजन होता है, जिसमें 300 से भी अधिक प्रकार के व्यंजनों का भोग माता को अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि इस पूजन में शामिल होकर माता महालक्ष्मी का आशीर्वाद लेने से भक्तों के घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती.

देवी की प्रतिमा और अन्य धार्मिक स्थल
मंदिर में माता महालक्ष्मी के साथ भगवान शिव और राधा-कृष्ण की भी सुंदर प्रतिमाएं विराजमान हैं. मंदिर में प्रवेश करते ही भक्तों को इन प्रतिमाओं के दर्शन करने से एक विशेष शांति का अनुभव होता है. समाजसेवी सुनील जैन का कहना है कि महालक्ष्मी की यह प्रतिमा भक्तों को समस्त पापों से मुक्ति दिलाने वाली मानी जाती है. यहां आने वाले श्रद्धालु देवी महालक्ष्मी के दर्शन के साथ भगवान भोलेनाथ और राधा-कृष्ण के दर्शन भी करते हैं, जिससे उन्हें एक अद्वितीय आत्मिक अनुभव प्राप्त होता है.

मान्यता और श्रद्धा का केंद्र
इस महालक्ष्मी मंदिर की अद्वितीय विशेषता और परंपराओं के कारण यह न केवल खंडवा बल्कि आसपास के जिलों में भी श्रद्धा का प्रमुख केंद्र बन गया है. हर दिवाली पर हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं और माता महालक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए रात में होने वाले श्रृंगार का दर्शन करते हैं. माना जाता है कि जो भक्त इस विशेष श्रृंगार का दर्शन कर पाता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है.

संपन्नता का प्रतीक
महालक्ष्मी मंदिर की दिवाली रात में होने वाली विशेष पूजा और श्रृंगार न केवल भक्तों की आस्था को बल देता है बल्कि माता महालक्ष्मी की कृपा से उन्हें संपन्नता और समृद्धि का वरदान भी मिलता है. इसलिए हर साल दीपावली पर इस अद्भुत मंदिर में मां के इस रूप का दर्शन करने दूर-दूर से भक्तगण आते हैं, जो यहां की परंपरा, धार्मिक आस्था और भक्ति का प्रतीक बन गया है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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