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Hindu New Year 2025 Date: गुड़ी पड़वा 2025 के लिए लोग असमंजस में हैं, क्योंकि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 29 मार्च शाम 4:27 से शुरू होकर 30 मार्च दोपहर 12:49 तक रहेगी. वहीं शास्त्रों के अनुसार हिंदू नववर्ष और कलश…और पढ़ें
हिंदू नववर्ष
हाइलाइट्स
- गुड़ी पड़वा 2025: 30 मार्च को मनाया जाएगा.
- कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च सुबह 6:13 से 10:22 तक.
- अभिजित मुहूर्त 30 मार्च को 12:00 से 12:50 तक रहेगा.
गुड़ी पड़वा 2025. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, 1 जनवरी से नया शुरू हो जाता है, लेकिन हिंदू नववर्ष की शुरुआत लगभग चार महीने बाद गुड़ी पड़वा यानि कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से मानी जाती है. लेकिन, इस साल गुड़ी पड़वा की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी है. कुछ लोग 29, तो कुछ 30 मार्च को गुड़ी पड़वा बता रहे हैं, तो आइए जानते है कि शास्त्रों के अनुसार, किस दिन गुड़ी पड़वा मनाई जाए और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या होगा?
खरगोन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. बसंत सोनी बताते है कि, हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. साल 2025 में विक्रम संवत् 2081 (नए साल) की तिथि को लेकर लोग दुविधा में है. क्योंकि पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 29 मार्च को शाम 4 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ होकर 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त हो रही है.
कब है नया साल, कलश स्थापना का मुहूर्त?
लेकिन, सूर्योदय काल के स्पर्श को ध्यान में रखे तो विद्वानों का मत है कि, 30 मार्च 2025 को ही नया वर्ष (गुड़ी पड़वा) मनाया जाना चाहिए. वहीं, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च की सुबह 6 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. जबकि, 12 बजे से 12 बजकर 50 मिनट तक अभिजित मुहूर्त रहेगा. इसे अमृत काल भी कहा जाता है. इस समय भी कलश स्थापना करना शुभ रहेगा.
हिंदू नववर्ष का शास्त्रोक्त महत्व
पंडित पंकज मेहता बताते है कि, शास्त्रों के मुताबिक चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को ही ब्रह्म जी ने सृष्टि का आरंभ किया था. ब्रह्म पुराण आदि में उल्लेख है कि, जब ब्रह्माण्ड के प्रमुख राशि ग्रहों को एक पंक्ति में लाया गया और तभी से सृष्टि आरम्भ हुई. माना जाता है कि यह सिर्फ सनातन को मानने वालों का नया वर्ष नहीं है अपितु पूरे ब्रह्माण्ड का नया वर्ष है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.