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सभी नवग्रहों में गुरु बृहस्पति को सबसे शुभ और उच्च ग्रह माना जाता है. जब इसकी चाल में बदलाव आता है तो इसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है, कुछ मामलों में शुभ और कुछ में चुनौतीपूर्ण. 11 नवंबर की दोपहर को बृहस्पति ग्रह अपनी उच्च राशि कर्क में वक्री होंगे, जिसका सबसे अधिक लाभ चार राशियों को मिलेगा. आइए जानते हैं कौन-कौन सी राशियां इस शुभ प्रभाव से लाभान्वित होंगी और किस क्षेत्र में उनका भाग्य चमकेगा.
शिक्षा, बुद्धि, धर्म, न्याय, भाग्य और धन के कारक गुरु बृहस्पति ग्रह जल्द ही अपनी उच्च राशि में वक्री होने वाले हैं. बृहस्पति के उच्च राशि में वक्री, यानी उल्टी चाल चलने से सभी 12 राशियों के जीवन में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे. 11 नवंबर 2025 की दोपहर 3:59 बजे गुरु बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में वक्री होंगे.
सभी नवग्रहों में गुरु बृहस्पति ग्रह को सबसे शुभ और धर्म के प्रतीक ग्रह माना जाता है. गुरु बृहस्पति की कुंडली के जिस भी भाव पर दृष्टि पड़ती है, उसमें वृद्धि होती है. गुरु बृहस्पति के अपनी उच्च राशि में वक्री होने की घटना बेहद प्रभावशाली मानी जा रही है. इस दौरान मेष, कर्क, तुला और मीन राशि के जातकों को सफलता, आकस्मिक धन की प्राप्ति और मानसिक शांति जैसे लाभ मिलने की संभावना है.
उत्तराखंड के हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि जब बृहस्पति ग्रह अपनी उच्च राशि कर्क में वक्री होंगे, तो मेष राशि के चतुर्थ भाव पर उनकी दृष्टि पड़ेगी. इसका लाभ यह होगा कि उनके सभी कार्य पूरे होंगे और भूमि, भवन, गाड़ी तथा कोर्ट-कचहरी में चल रहे मामलों से मुक्ति मिलेगी.
ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, कर्क राशि में गुरु बृहस्पति वक्री चाल में होंगे और यह उनके लग्न भाव में प्रभाव डालेगा. इससे कर्क राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत, कार्यक्षेत्र में आर्थिक लाभ, रुका हुआ धन या उधार दिया हुआ पैसा वापस मिलने, आत्मविश्वास में वृद्धि जैसे कई लाभ मिलेंगे.
ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, दशम भाव पर गुरु बृहस्पति कर्क राशि में वक्री होने से तुला राशि के छात्रों को शिक्षा संबंधी लाभ मिलेगा. वहीं, तुला राशि के अन्य जातकों को कार्यक्षेत्र और व्यवसाय में आर्थिक लाभ, नौकरी में प्रमोशन, आय में वृद्धि और विदेश यात्रा के अवसर भी प्राप्त होंगे.
ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, कर्क राशि में गुरु बृहस्पति मीन राशि के पंचम भाव में वक्री होने से मीन राशि के जातकों को सभी कार्यों में सफलता मिलेगी. इसके साथ ही प्रेम संबंधों में आ रही अटकलें समाप्त होंगी, शिक्षा और संतान संबंधी लाभ मिलेगा, और घर में संतान के करियर को लेकर खुशियों का माहौल बना रहेगा.
