ग्वालियर: ग्वालियर में रेलवे स्टेशन के पास पुल के नीचे स्थित हनुमान मंदिर न केवल ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच आस्था का एक प्रमुख केंद्र है. लगभग 300 साल पुराना यह हनुमान मंदिर पूरे ग्वालियर में प्रसिद्ध है, और यहां पर जयाजी राव सिंधिया जैसे राजघरानों का विशेष आशीर्वाद रहा है. यह मंदिर आज भी हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है, और हर दिन यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.
300 साल पुराना मंदिर: रामायण पाठ की अनोखी परंपरा
यह ऐतिहासिक हनुमान मंदिर लगभग 300 साल पुराना है. यहां 8 अप्रैल 1997 से लगातार अखंड रामायण का पाठ हो रहा है, जो मंदिर की एक अनूठी परंपरा है. मंदिर के पुजारी कृष्णा दुबे ने बताया कि ऐसा कहा जाता है जहां रामायण का पाठ होता है, वहां साक्षात हनुमान जी की उपस्थिति होती है. इस मंदिर की स्थापना किसी इंसान द्वारा नहीं की गई, बल्कि पीढ़ियों पहले जब पुजारी परिवार यहां आया, तो हनुमान जी पहले से ही प्रतिष्ठित थे. तब से लेकर अब तक इस मंदिर में हनुमान जी की पूजा अर्चना हो रही है.
मंदिर का रास्ता बंद करने पर पुल में आई दरार
मंदिर से जुड़ी एक रोचक कहानी यह है कि जब ग्वालियर में रेलवे स्टेशन का पुल बनाया गया, तो भगवान हनुमान के सामने से आने-जाने का रास्ता बंद हो गया था. जैसे ही यह रास्ता बंद हुआ, पुल में दरारें आ गईं. इसके बाद दोबारा पुल का निर्माण हुआ, लेकिन फिर से दरारें आ गईं. अंततः वरिष्ठ इंजीनियरों ने निर्णय लिया कि मंदिर के सामने से रास्ता बनाया जाएगा और भगवान हनुमान को नमन किया जाएगा. इसके बाद ही पुल की समस्या का समाधान हुआ.
जयाजी राव सिंधिया की आस्था: महल से करते थे दर्शन
जयाजी राव सिंधिया, जो ग्वालियर के राजा थे, अपनी धार्मिकता और दयालुता के लिए जाने जाते थे. उन्हें भगवान हनुमान में विशेष आस्था थी. वे अपने महल से हर सुबह उठकर इस हनुमान मंदिर की ज्योति के दर्शन करते थे. पंडित कृष्णा दुबे ने यह भी बताया कि स्वर्गीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी जब शहर से बाहर जाती थीं, तो इस मंदिर में दर्शन करने के बाद ही प्रस्थान करती थीं. सिंधिया परिवार ने इस मंदिर के पुनर्निर्माण और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. जयाजी राव सिंधिया की हनुमान जी के प्रति विशेष श्रद्धा थी, और वे मंदिर की ज्योति का दर्शन करके ही अपने दिन की शुरुआत करते थे.
श्रद्धालुओं का उमड़ता सैलाब
आज भी यह मंदिर ग्वालियर के लोगों के बीच अपार श्रद्धा का केंद्र है. हर दिन हजारों श्रद्धालु यहां आकर भगवान हनुमान के दर्शन करते हैं. यह मंदिर सिर्फ ग्वालियर के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक पवित्र स्थल है. मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि यहां की ज्योति देखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसलिए जयाजी राव सिंधिया से लेकर आज तक लोग यहां अपनी श्रद्धा अर्पित करने के लिए आते रहते हैं.
FIRST PUBLISHED : October 15, 2024, 17:08 IST
