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Chhath Pooja 2025: पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड में स्थित माता मंगला गौरी मंदिर संतान प्राप्ति की मान्यता के लिए प्रसिद्ध है. यहां के विशाल जलाशय में छठ पूजा करने से निसंतान दंपतियों की मुरादें पूरी होती हैं. मं…और पढ़ें
मंगला गौरी माता
हाइलाइट्स
- पलामू के मंगला गौरी मंदिर में छठ पूजा होती है.
- निसंतान दंपती यहां पूजा कर संतान प्राप्ति की मान्यता रखते हैं.
- मंदिर में नि:शुल्क सुविधाएं और भभूत से रोग दूर होते हैं.
पलामू. चैत्र छठ पूजा आस्था और मान्यता के लिहाज से एक महापर्व के रूप में मनाई जाती है. लोग इसे पूरे श्रद्धा भाव से धूमधाम से मनाते हैं. इस पर्व के दौरान श्रद्धालु छठी मईया से अपनी मुरादें मांगते हैं और माता उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड में स्थित माता मंगला गौरी मंदिर भी आस्था और मान्यता का एक प्रमुख केंद्र है. मान्यता है कि यहां पूजा-अर्चना करने से संतान की प्राप्ति होती है.
पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड के बंदूआ गांव में स्थित माता मंगला गौरी मंदिर परिसर में एक जलाशय है, जो जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर है. यहां पिछले 30 वर्षों से श्रद्धालु छठ पूजा कर रहे हैं. मान्यता है कि जो निसंतान दंपती इस जलाशय में छठ पूजा करते हैं, उन्हें अवश्य ही संतान की प्राप्ति होती है. संतान प्राप्ति के बाद भी वे श्रद्धालु अगले वर्ष मां के दरबार में आकर पूजा-अर्चना करते हैं और छठ पर्व मनाते हैं.
विशाल जलाशय में होती है पूजा
मंदिर के पुजारी सुरेश मिश्रा ने बताया कि चैत्र छठ को लेकर मंदिर परिसर की साफ-सफाई का कार्य जारी है. इस मंदिर परिसर में 80 फीट लंबा और 40 फीट चौड़ा एक विशाल तालाब है, जहां से हर साल श्रद्धालु छठ पूजा करते हैं. खासतौर पर वे व्रती यहां प्रत्येक वर्ष छठ करने आते हैं, जिनकी मुराद पूरी हो चुकी होती है. वहीं, जो दंपती संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, वे यहां आकर छठ पूजा करते हैं और उनकी मुराद पूरी होती है.
जरूरतमंदों को नि:शुल्क सुविधा
मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए मंदिर कमेटी की ओर से सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. खासकर उन जरूरतमंदों के लिए, जो छठ व्रत करना चाहते हैं लेकिन उनके पास आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं, मंदिर कमेटी उनकी सहायता करती है और उन्हें पूजा सामग्री नि:शुल्क उपलब्ध कराती है.
मां के भभूत से दूर होते हैं रोग
मंदिर के पुजारी ने बताया कि मां मंगला गौरी की महिमा अपरंपार है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं के सभी रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं. श्रद्धालुओं को मां का भभूत और चरणों से गिरा जल दिया जाता है, जिससे उनकी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं. मां को नारियल का चढ़ावा चढ़ाया जाता है. खासतौर पर, जिन दंपतियों को संतान नहीं हो रही होती, वे यहां पूजा करते हैं और उनकी गोद भर जाती है.