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चैत्र नवरात्रि आज से शुरू, 100 साल बाद दुर्लभ संयोग, ऐसे करें कलश की स्थापना, जानें शुभ मुहूर्त समेत सबकुछ

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Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि आज से शुरू हो चुकी है और 6 अप्रैल को रामनवमी पर समाप्त होगी. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:13 से 10:21 तक रहेगा. ज्योतिषीय गणना के मुताबिक लगभग 10…और पढ़ें

चैत्र नवरात्रि आज से शुरू, 100 साल बाद दुर्लभ संयोग, ऐसे करें कलश की स्थापना

कलश स्थापना

हाइलाइट्स

  • चैत्र नवरात्रि आज से शुरू, 6 अप्रैल को समाप्त होगी.
  • कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:13 से 10:21 तक.
  • 100 साल बाद नवरात्रि के प्रथम दिन पंचग्रही योग.

अयोध्या: सनातन धर्म नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. साल में चार बार नवरात्रि का व्रत रखा जाता है. जिसमें दो गुप्त नवरात्रि एक चैत्र नवरात्रि दूसरा शारदीय नवरात्रि होते हैं. मार्च अप्रैल में पढ़ने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. इसके साथ ही आश्विन माह में पढ़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ चैत्र नवरात्रि आज से प्रारंभ हो चुकी है, जो नवमी तिथि को समाप्त होगी. नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने का विधान है. नवरात्रि के पहले कलश की स्थापना की जाती है. इसके साथ ही नवरात्रि के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की विधि विधान पूर्वक पूजा की जाती है. तो चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि क्या है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग.

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है, जो 6 अप्रैल यानी कि रामनवमी के दिन समाप्त होगी. नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:13 से लेकर 10:21 तक रहेगा. तो दूसरी तरफ अभिजीत मुहूर्त 12:01 से 12:50 तक रहेगा.

इसके अलावा ज्योतिषीय गणना के मुताबिक लगभग 100 वर्षों बाद नवरात्रि के प्रथम दिन पंचग्रही योग का निर्माण भी हो रहा है. इसके साथ ही पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि ,इंद्र, बुद्धदित्य ,शुक्रदित्य, लक्ष्मी नारायण जैसे शुभ योग का निर्माण हो रहा है. इस योग में किया गया पूजा पाठ बेहद पुण्यतिथि माना जाता है.

चैत्र माह के पहले दिन कलश स्थापना करते समय सबसे पहले एक लकड़ी की चौकी लेना चाहिए. उसके बाद उसे पर लाल रंग का वस्त्र डालना चाहिए. माता दुर्गा की तस्वीर स्थापित करनी चाहिए. भगवान गणेश का ध्यान करते हुए कलश की स्थापना करनी चाहिए. इसके बाद उसमें जल अथवा गंगाजल के साथ लॉन्ग हल्दी की गांठ एक सुपारी दूर्वा एक रुपए का सिक्का डालकर आम के पत्ते पर रखकर मिट्टी अथवा पीपल को स्टील के ढक्कन से बंद करना चाहिए. उसके बाद उसके ऊपर चावल फिर गेहूं डालना चाहिए. अगर आप कलश के ऊपर नारियल भी रख रहे हैं तो उसमें सात्विक का चिन्ह बनाकर लाल कपड़ा लपेटकर कलावा भी बांधना चाहिए.

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चैत्र नवरात्रि आज से शुरू, 100 साल बाद दुर्लभ संयोग, ऐसे करें कलश की स्थापना

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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