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Before Vs After: आईआईटी बाबा, असली नाम अभय सिंह, ने 35 लाख की नौकरी छोड़ आध्यात्मिकता अपनाई. आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और महाकुंभ में वायरल हुए.

IIT बाबा का असली नाम अभय सिंह है.
हाइलाइट्स
- आईआईटी बाबा ने 35 लाख की नौकरी छोड़ आध्यात्मिकता अपनाई.
- अभय सिंह ने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.
- महाकुंभ में आईआईटी बाबा के विचारों ने सबका ध्यान खींचा.
IIT बाबा, जिनका असली नाम अभय सिंह है, उन्होंने महाकुंभ में अपनी फिलॉसफिकल बातें बिखेरकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. उनकी कई वीडियो वायरल हुई थी. अभय सिंह इसलिए भी चर्चा का विषय बन गए क्योंकि उन्होंने IIT में पढ़ाई की और 35 लाख के पैकेज वाली नौकरी को छोड़कर आध्यात्मिकता की ओर कदम बढ़ाया. उनकी पुरानी लाइफस्टाइल आज के हर युवा का सपना है. अभय सिंह ने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि असली सफलता का राज बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि अंदरूनी शांति और आत्म-साक्षात्कार में छुपा है. यही कारण बना कि उन्होंने साइंस को अपनी दुनिया से अलग कर दिया.
आईआईटी बॉम्बे में बिताए गए दिन न सिर्फ उनकी अकादमिक सफलता के गवाह थे, बल्कि उन दिनों में उन्होंने जीवन के गहरे रहस्यों के बारे में भी सोचने की शुरुआत की. जहां उनके साथी गणितीय समीकरणों और इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स में उलझे रहते थे, वहीं अभय सिंह को हमेशा से यह सवाल सताता था कि जीवन का असली मकसद क्या है. धीरे-धीरे उन्होंने देखा कि सफलता केवल पैसों और शैक्षणिक उपलब्धियों में नहीं होती, बल्कि आत्मिक संतोष, ध्यान और जीवन के गहरे अर्थों में निहित होती है.
अभय सिंह तब और अब. (फोटो- this.is.kalki)
इस बदलते दृष्टिकोण ने उन्हें आध्यात्मिक मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया. योग, ध्यान और विभिन्न प्राचीन भारतीय ग्रन्थों का अध्ययन करते हुए, अभय सिंह ने अपने अंदर की आवाज सुननी शुरू कर दी. उनका मानना था कि हर व्यक्ति में एक दिव्य ऊर्जा विद्यमान है, जिसे जगाने की जरूरत होती है. यही वजह है कि महा कुंभ मेले में आईआईटी बाबा के रूप में उन्होंने अपने विचारों का अद्भुत संगम पेश किया.
अभय सिंह तब और अब. (फोटो- this.is.kalki)
अभय सिंह को बाद में मसानी गोरख के नाम से जाना जाने लगा. IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने वाले अभय ने शुरुआत में तकनीकी दुनिया में अपना करियर बनाने की ठानी थी. हालांकि उनकी राह मुड़ गई. उन्होंने डिजाइन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की ताकि वे अपनी रचनात्मकता को निखार सकें. इस दौरान उन्होंने फोटोग्राफी में भी हाथ आजमाया.
अभय सिंह कॉलेज में. (फोटो- this.is.kalki)
फोटोग्राफी के माध्यम से उन्होंने दुनिया को एक अलग नजरिए से देखने की कोशिश की. उन्होंने न केवल सुंदर तस्वीरें खींचीं, बल्कि कई लोगों को कोचिंग भी दी ताकि वे भी अपनी कला को निखार सकें. यह सब करते हुए उन्होंने एक नया अनुभव प्राप्त किया और समझा कि जीवन में रचनात्मकता और कला का कितना महत्व है. मसानी गोरख ने एक समय बाद अपना सारा ध्यान भगवान शिव की भक्ति और ध्यान में लगा दिया. उन्होंने यह समझा कि असली खुशी अपने अंदर की शांति में है, जिसे पाने के लिए आध्यात्मिकता का मार्ग अपनाना जरूरी है.
March 03, 2025, 17:34 IST
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