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तिलक दिखावा नहीं, इसके वैज्ञानिक फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान… जानिए इसका महत्व

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Types of Tilak: तिलक केवल धार्मिक चिह्न नहीं, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है. चंदन, कुमकुम, भभूत, त्रिपुंड और ऊर्ध्वपुंड्र तिलक के अलग-अलग आध्यात्मिक और वैज्ञानिक लाभ हैं, जो मन और शरीर को स…और पढ़ें

तिलक दिखावा नहीं, इसके वैज्ञानिक फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान... जानिए महत्व

तिलक का महत्व

तिलक सिर्फ माथे पर लगाने का एक धार्मिक चिह्न नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई गहरे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण छिपे हैं. आपने मंदिरों में, त्योहारों पर, या फिर किसी पूजा-पाठ के दौरान लोगों को माथे पर तिलक लगाते देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह तिलक क्यों लगाया जाता है? क्या यह केवल एक परंपरा है या इसके पीछे कोई गहरा रहस्य है?

अलग-अलग तिलक और उनका मतलब
भारत में अलग-अलग धर्मों और संप्रदायों के अनुसार तिलक के भी कई प्रकार होते हैं. कोई माथे पर सफेद चंदन लगाता है, तो कोई लाल कुमकुम, कोई भभूत लगाता है, तो कोई त्रिपुंड. ये तिलक सिर्फ पहचान के लिए नहीं, बल्कि हर एक का अपना आध्यात्मिक महत्व होता है.

1. चंदन का तिलक – दिमाग को ठंडक और शांति देने वाला
चंदन का तिलक सबसे ज्यादा भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और उनके भक्त लगाते हैं. यह सफेद या पीले रंग का होता है और माथे पर लगाने से ठंडक मिलती है. वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो चंदन का तिलक दिमाग को शांत रखता है, गुस्सा कम करता है और मानसिक शांति देता है. यही वजह है कि मंदिरों में अक्सर भक्तों को चंदन का तिलक लगाया जाता है.

2. कुमकुम या रोली का तिलक – शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक
लाल रंग का कुमकुम तिलक देवी दुर्गा, भगवान गणेश और शक्ति के अन्य रूपों की पूजा में लगाया जाता है. यह तिलक ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है. खासकर महिलाएँ इसे अपने माथे पर लगाती हैं, जिससे यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और मनोबल को बढ़ाता है.

3. भभूत और भस्म का तिलक – मोक्ष और वैराग्य का संकेत
भगवान शिव के भक्तों को आपने भस्म या भभूत (राख) का तिलक लगाए हुए देखा होगा. यह तिलक हमें यह याद दिलाता है कि यह जीवन अस्थायी है और हमें मोह-माया से दूर रहना चाहिए. इसे लगाने से न केवल धार्मिक लाभ होते हैं, बल्कि यह दिमाग को स्थिर और शांत रखने में भी मदद करता है.

4. ऊर्ध्वपुंड्र तिलक – विष्णु भक्तों की पहचान
ऊर्ध्वपुंड्र तिलक दो लंबी चंदन की रेखाओं और बीच में लाल या पीले कुमकुम के निशान से बनता है. यह तिलक वैष्णव संप्रदाय के भक्त लगाते हैं और यह भगवान विष्णु की भक्ति का प्रतीक होता है. इसे लगाने से आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है और मन शांत रहता है.

5. त्रिपुंड तिलक – भगवान शिव के भक्तों का चिह्न
त्रिपुंड तिलक तीन समानांतर रेखाओं से बना होता है, जो भभूत या चंदन से लगाई जाती हैं. यह तिलक भगवान शिव की भक्ति और तीन प्रमुख गुणों – सत्व, रजस और तमस का प्रतीक है. इसे लगाने से मन में स्थिरता आती है और अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ता है.

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