Last Updated:
Haridwar News: नवरात्रि के दिनों में घट स्थापना में मिट्टी के कलश से की जाती है, जिसे सबसे पवित्र बताया गया है, जबकि अन्य धातु के कलश को स्थापित करने पर कोई लाभ नहीं होता है.
हरिद्वार: साल में चार बार होने वाले नवरात्रि के दिनों में देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा-अर्चना और आराधना की जाती है. साथ ही देवी मां को प्रसन्न करने के लिए 9 दिनों तक शास्त्रों की विधि से व्रत किए जाते हैं. नवरात्रि शुरू होते ही सबसे पहले घट स्थापना की जाती है. यदि नवरात्रि के दिनों में घट स्थापना ना की जाए तो नवरात्रि व्रत का कोई लाभ नहीं होता है. नवरात्रि के दिनों में घट स्थापना, मिट्टी के कलश से की जाती है जिसे सबसे पवित्र बताया गया है, जबकि अन्य धातु के कलश को स्थापित करने पर कोई लाभ नहीं होता है. घट स्थापना के दौरान मिट्टी के कलश में जल भरकर उसमें आम के पत्ते और ऊपर नारियल रखा जाता है.
नवरात्रि व्रत के पहले दिन की जाती है घट स्थापना
ज्यादा जानकारी देते हुए हरिद्वार के विद्वान धर्माचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि नवरात्रि व्रत के पहले दिन घट स्थापना की जाती है. प्राचीन समय से ही घट स्थापना मिट्टी के कलश से की जाती है लेकिन समय बदलने के साथ मिट्टी के कलश की जगह स्टील या अन्य धातु के कलश प्रयोग किए जाते हैं. नवरात्रि में मिट्टी का कलश स्थापित करने पर देवी मां प्रसन्न होती है और सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. वैदिक पंचांग के अनुसार पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित किया जाता है.
धार्मिक मान्यताएं
प्राचीन समय से ही नवरात्रि में मिट्टी का कलश स्थापित करने की धार्मिक मान्यता है. धार्मिक ग्रंथो में मिट्टी पवित्र होती है जिस कारण नवरात्रि की शुरुआत में घट स्थापना करने से देवी मां संपूर्ण फल प्रदान करती हैं. जब घट स्थापना की जाती है तो मिट्टी के घड़े (कलश) में शुद्ध जल भरकर उसके ऊपर 9 आम के पत्ते रखकर उसके ऊपर पानी वाले नारियल पर कलावा बांधकर रखा जाता है.
मिट्टी का कलश है जरूरी
मान्यताओं के अनुसार सृष्टि का निर्माण वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी, आकाश से मिलकर हुआ है और मिट्टी के घड़े में पानी भरकर आम के पत्ते, पानी वाला नारियल रखने को अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश यानी सृष्टि के निर्माण का प्रतीक माना गया है. यदि नवरात्रि के दिनों में स्टील या अन्य धातु के कलश को स्थापित किया जाता है तो उसे नवरात्रि का कोई फल नहीं मिलता है.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।