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Navratri 2025: नेपाल से जमीन के अंदर ही अंदर आई माता…फिर यूपी में यहां धरती फाड़कर हो गई प्रकट, बेहद चमत्कारी है मंदिर

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Navratri 2025: चित्रकूट के तरौंहा मोहल्ले स्थित मां झारखंडी माता मंदिर में जमीन फाड़कर प्रकट हुई प्रतिमा है. नवरात्रि में यहां भक्तों की भीड़ लगती है और संतान सुख की कामना की जाती है.

चित्रकूट: नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है. पूरे देश में देवी के नौ स्वरूपों की पूजा अर्चना हो रही है. इन नौ दिनों में भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ मां दुर्गा के चरणों में मत्था टेकते हैं. ऐसे में हम आप को चित्रकूट स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मान्यता बेहद अद्भुत और चमत्कारिक है. यह मंदिर धर्मनगरी चित्रकूट के मोहल्ला तरौंहा स्थित मां झारखंडी माता का है. यहां माता की प्रतिमा जमीन फाड़कर प्रकट हुई थी और यही वजह है कि यह मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है.

बता दें कि जब भगवान श्रीराम वनवास काल में चित्रकूट आए थे. तब जनकपुरी के राजा जनक भी उनसे मिलने पहुंचे थे. राजा जनक ने अन्य देवी-देवताओं और अपनी सेना को भी चित्रकूट आने का निमंत्रण दिया था. इसी निमंत्रण पर मां झारखंडी भी नेपाल से चित्रकूट की ओर जमीन के अंदर ही अंदर आई थी. मान्यता है कि माता धरती के गर्भ से होकर यात्रा कर रही थीं और यहीं तरौंहा मोहल्ले में जमीन को फाड़कर प्रकट हुईं. तभी से यह स्थान देवी की उपासना का प्रमुख केंद्र माना जाता है. लोग इनको झारखंडी माता के नाम से जानते हैं.

पुजारी ने दी जानकारी 

मंदिर की पुजारी संतोषी देवी ने Bharat.one को जानकारी में बताया कि झारखंडी माता हर उस भक्त की मनोकामना पूरी करती है, जो सच्चे मन से यहां मत्था टेकता है. विशेषकर संतान सुख की चाह रखने वाले दंपति यहां पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हैं. मां अपनी प्रतिमा पर कोई छाया स्वीकार नहीं करती थीं, लेकिन भक्तों की भावनाओं को देखते हुए अब मंदिर में स्थायी छाया की व्यवस्था कर दी गई है. नवरात्रि के पावन दिनों में इस मंदिर में भक्तों की भीड़ चरम पर होती है, सुबह से ही दर्शन के लिए लंबी कतारें लग जाती हैं.श्रद्धालु फूल, नारियल और चुनरी अर्पित कर माता से अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं.

Lalit Bhatt

पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस…और पढ़ें

पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस… और पढ़ें

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इस मंदिर में धरती फाड़कर प्रकट हुई थी माता, पूजा से संतान की होती है प्राप्ति

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