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पितृ पक्ष के बाद इस दिन करें नाना नानी का श्राद्ध, शास्त्रों में लिखा है इसका महत्व, नोट करें तारीखAfter Pitru Paksha perform Shraddha of Maternal Paksha on this day, importance of Maternal Paksha Shraddha is written in the scriptures, note the date

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हरिद्वार: शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के बाद मातृ पक्ष का श्राद्ध करने का भी विधान है. पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्विन अमावस्या तक होती है, इस दौरान सभी पितरों और पूर्वजों का श्राद्ध कर्म किया जाता है. दिवाकर पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष के बाद एक दिन मातामह (नाना-नानी) का श्राद्ध करने का विधान है.

साल 2024 में पितृ विसर्जन अमावस्या 2 अक्टूबर को होगी. इस दिन पितरों का श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण और अन्य धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे. इसके अगले दिन यानी 3 अक्टूबर को मातृ पक्ष का श्राद्ध किया जाएगा. इस दिन नाना-नानी का श्राद्ध करने से उन्हें शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है, जिससे वे अपने लोक में लौट जाते हैं.

नाना-नानी का श्राद्ध
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने Bharat.one से बातचीत में बताया कि शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के बाद मातृ पक्ष का श्राद्ध करना आवश्यक होता है. उन्होंने बताया कि 3 अक्टूबर 2024 को विधि-विधान से नाना-नानी का श्राद्ध करने पर उन्हें शांति मिलेगी और वे बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त करेंगे.

आत्मा को मुक्ति प्राप्त होती है
श्रीधर शास्त्री ने यह भी बताया कि जिन परिवारों में पुत्र या भाई के पुत्र नहीं होते हैं, वहां पांच भौतिक शरीर त्यागने के बाद उनकी पुत्री के पुत्र द्वारा श्राद्ध करने से उन्हें शांति मिलती है. मातृ पक्ष का श्राद्ध करने से प्रेत योनि में भटक रहे नाना-नानी की आत्मा को मुक्ति प्राप्त होती है. दिवाकर पंचांग के अनुसार, 3 अक्टूबर को पिंडदान, तर्पण, मंत्रों द्वारा हवन और यज्ञ जैसे अनुष्ठान किए जाएंगे.

Note: मातृ पक्ष के श्राद्ध के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से संपर्क कर सकते हैं. उनके फोन नंबर: 9557125411 और 9997509443.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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