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बड़ा ही अनोखा रिवाज, धोबिन अपने बाल की एक लट धोकर दुल्हन को पिलाती है, सबसे जरूरी है इनका आशीर्वाद

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Agency:Bharat.one Bihar

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मिथिलांचल की शादी में एक बड़ा अनोखा रिवाज है, जहां सबसे ज्यादा महत्व धोबिन के आशीर्वाद को दिया जाता है. जिसका एक यह भी अंश है धोबिन से सुहाग की कामना करना है.

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सुहागगिन रहने की कामना 

हाइलाइट्स

  • मिथिलांचल में शादी में धोबिन से सुहाग मांगने की परंपरा है.
  • धोबिन को सुहाग का आशीर्वाद देने का विशेष महत्व है.
  • दुल्हन धोबिन को मां की तरह पूजती है और सुहाग की कामना करती है.

मधुबनी. मिथिलांचल में शादी के दौरान सभी वर्गों को एकजुटता का प्रतीक माना जाता है. यहां पर एक बड़ा अनोखा रिवाज है. जहां माना जाता है कि सबसे पहले पहले ईश्वर का आशीर्वाद या मंत्रोच्चार से पहले धोबिन मंगल कामना करते हुए होने वाली दुल्हन के लिए सुहाग मांगती हैं.

मिथिलांचल में ऐसा कहा जाता है कि सबसे ज्यादा सुहाग धोबिन के पास हैं यानी कि सबसे ज्यादा इनके आशीर्वाद को महत्व दिया जाता है. हालांकि, यह शास्त्र में कहीं वर्णित नहीं है लेकिन जनश्रुति के मुताबिक या पूर्वजों से होते आई यह रस्म आज भी कायम है. दरअसल, हर रस्म रिवाज शास्त्रों में ही लिखा हो ऐसा जरूरी नहीं होता है. कुछ रस्में परंपरागत तरीके से भी निभाई जाती हैं, जिसका एक यह भी अंश है धोबिन से सुहाग की कामना करना है.

क्या है पूरी परंपरा
वैसे तो आज के समय में पूरे भारतवर्ष में वर्ण व्यवस्था खत्म हो गई है. छुआछूत की व्यवस्था खत्म हो गई है, लेकिन आपको बता दें कि सनातन संस्कृति में बिहार के मिथिलांचल में कभी भी छुआछूत या वर्ण व्यवस्था नहीं रही है. यहां पर चाहे कोई भी शुभ कार्य हो, मांगलिक कार्य हो मिथिलांचल में हर वर्ण एकजुट होते रहे है. प्रेम और स्पर्धा के साथ सभी मिलजुल कर एक साथ खुशियां मनाते हैं. दरअसल, मैथिली ब्राह्मण की शादी में एक रीति रिवाज है कि धोबिन से सुहाग मिलता है. पहला सुहाग (आशीर्वाद) किसी भी वर वधु के विवाह के दौरान धोबिन ही देती है. ऐसा कहा जाता है कि सनातन में सबसे ज्यादा सुहाग धोबिन के पास होता है और वह दुल्हन को पहले सुहाग देते हैं, जिसमें बाद घर के लोग यह कामना करते हैं. इसी दौरान धोबिन अपने बाल की एक लट धोकर और फिर उसे दुल्हन को पिलाते हैं. चुरा दही धोबिन खिलाती है और सुहाग की कामना करती है.

यह भी जानें
शादी के दौरान दुल्हन धोबिन को मां की तरह, किसी देवी की तरह पूजती है. उनसे सुहाग मांगती है, कामना करती है कि मेरे नाव विवाहित जीवन में सुहाग हमेशा बना रहे और मेरे पति की लंबी उम्र हो, इसके लिए धोबिन की सुहाग मांगने की प्रथा होती आई है. यह परंपरागत तौर पर लोग निभाते हैं जिसकी एक झलक आपने अभी देखी है.

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