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भईया दूज के दिन शाम के समय करें ये पूजा, मिलेगी नरक की प्रताड़ना से मुक्ति! जानें शुभ मुहूर्त और विधि

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पूर्णिया:- हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि, यानी दीपावली के दूसरे दिन भैया दूज का पर्व मनाया जाता है. इसी दिन भगवान चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है. इस पूजा को खास विधि-विधान से किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि चित्रगुप्त भगवान की पूजा करने से लोगों की हर तकलीफ दूर होती है और उन्हें हर कष्टों से छुटकारा मिलता है.

पूर्णिया की पंडित उदय कांत झा के मुताबिक, सनातन धर्म में हर पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. कार्तिक का महीना सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के लिए बहुत पवित्र होता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को ही चित्रगुप्त पूजा किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि संसार में मनुष्यों के सभी कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले यमराज के सहयोगी व सभी देवताओं के लेखाकार भगवान चित्रगुप्त की पूजा इस दिन की जाती है.

भगवान चित्रगुप्त के साथ इस चीज की भी पूजा
पंडित उदय कांत झा Bharat.one को बताते हैं कि भगवान चित्रगुप्त के साथ उनके प्रतीक कलम और दवात की भी इसी दिन पूजा आराधना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कलम और दवात की पूजा की जाती है. इस दिन कलम और दवात से लोग नहीं लिखते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने वाले लोगों को मृत्यु के बाद नरक की प्रताड़ना नहीं भुगतनी पड़ती है.

चित्रगुप्त पूजा का जानें शुभ मुहूर्त
पंडित उदाकांत झा Bharat.one को आगे बताते हैं कि सनातन धर्म में चित्रगुप्त पूजा का विशेष महत्व दिया गया है. खासतौर पर यह पूजा कायस्थ समाज के लोग शुरू से करते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही कायस्थ समाज के लोग बुद्धिजीवी और शिक्षा के प्रति ज्यादा जागरूक रहते हैं. इस कारण भगवान चित्रगुप्त की पूजा कायस्थ समाज के लोग इस दिन नियम पूर्वक करते हैं. इस बार चित्रगुप्त भगवान की पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के द्वितीया तिथि को होगी. इस पूजा के लिए मिथिला पंचांग के मुताबिक शुभ मुहूर्त शाम के 6:00 बजे से लेकर रात 8:30 तक है. इस दौरान लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा आराधना कर उनकी कृपा पा सकते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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