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भटक रही हैं पुरखों की आत्माएं, हरिद्वार में यहां करें पितृ कर्म, बरसने लगेगी कृपा

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Pitra Karma Haridwar. धार्मिक नगरी हरिद्वार पूरी दुनिया में अपनी धर्म-आस्था के लिए मशहूर है. लोग यहां मोक्ष पाने की कामना को लेकर गंगा स्नान, पूजा पाठ, दान, कर्मकांड के लिए आते हैं. यदि कोई व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित है तो धर्मनगरी हरिद्वार में शास्त्रों में वर्णित उपाय करने से उसे भी लाभ होता है. हरिद्वार में पितृ शांति के लिए कोई भी कार्य करने पर उसका कई गुना लाभ मिलता है और पितृ सदैव अपने वंशजों पर आशीर्वाद बनाए रखते हैं. साल भर में कुछ तिथियां ऐसी होती हैं जिन पर पितरों, पूर्वजों के निमित्त कोई भी कर्मकांड, तर्पण, कर्मकांड, पिंडदान, पितृ गायत्री आदि करने से नाराज पितृ प्रसन्न होकर विशेष फल की प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं. हरिद्वार में ऐसे बहुत से स्थान हैं जहां पर पितृ दोष निवारण के लिए धार्मिक अनुष्ठान पूजा पाठ करने का विशेष लाभ मिलता है.

हरिद्वार में किन स्थानों पर नाराज पितरों की पूजा करने से लाभ होगा इसकी जानकारी देते हुए हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि धार्मिक ग्रंथो में हरिद्वार का विशेष महत्त्व बताया गया है हरिद्वार में अनेक सिद्ध पीठ स्थान है तो वहीं विश्व प्रसिद्ध हरिद्वार हर की पौड़ी भी है जहां गंगा स्नान करने से पूर्व जन्म के सभी पाप खत्म हो जाते हैं ऐसे ही नाराज पितरों के लिए को प्रसन्न करने के लिए हरिद्वार में कुछ विशेष स्थान है जहां पितरों के निमित्त कोई भी धार्मिक कार्य करने पर नाराज पितृ प्रसन्न हो जाते हैं. हरिद्वार में कुशा घाट, नारायणी शिला मंदिर और शीतला माता मंदिर के पास पितृ संबंधित कोई भी धार्मिक अनुष्ठान करने पर लाभ मिलता है.

कुशा घाट

हरिद्वार के हरकी पौड़ी पर कुशा घाट एक ऐसा धार्मिक स्थान है जिसका वर्णन कई धार्मिक ग्रंथों में है. इस स्थान पर पितृ दोष से शांति मिलनी है. प्राचीन काल में इस स्थान पर पवित्र कुशा के बड़े-बड़े वृक्ष थे. कुशा पवित्र होती है जो पितरों के निमित्त कोई भी धार्मिक कार्य करने पर उसमें पवित्रता बनाए रखती है. ये स्थान पिंडदान, तर्पण, कर्मकांड, पितृ संबंधित क्रियाएं, पितृ गायत्री का पाठ आदि करने के लिए खास है. पितृ संबंधित कार्य इस स्थान पर करने से उसका कई गुना लाभ मिलता है.

नारायणी शिला

नारायणी शिला मंदिर हरिद्वार हर की पौड़ी से महज 2 किलोमीटर दूर देवपुरा चौक के पास है. इस पवित्र स्थान का वर्णन स्कंद पुराण समेत कई धार्मिक ग्रंथों में किया गया है. नारायणी शिला पर पितृ संबंधित कोई भी कार्य करने पर विशेष लाभ मिलता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिन व्यक्तियों के पितृ नाराज हैं या प्रेत योनि में भटक रहे हैं, नारायणी शिला पर विधि विधान से पूजा करने या करवाने पर पितृ प्रसन्न होकर अपने लोक लौट जाते हैं और वंशजों पर सदैव आशीर्वाद बनाए रखते हैं.

शीतला माता मंदिर

हरिद्वार की उप नगरी और भगवान शिव के ससुराल कनखल में शीतला माता का मंदिर गंगा किनारे है. शीतला माता के मंदिर के पास भी पितृ कार्य करने का महत्त्व बताया गया है. यहां पर पितृ गायत्री, पिंडदान, तर्पण, जलांजलि आदि से नाराज पितृ प्रसन्न होते हैं. इस स्थान पर किए गए पितृ कार्य का कई गुना लाभ मिलता है.

नोट : इस बारे में अधिक जानकारी करने के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.

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