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भीलवाड़ा: भगवान देवनारायण का 1113वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया

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Agency:Bharat.one Rajasthan

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भीलवाड़ा जिले के आसींद में स्थित श्री देवनारायण जन्मस्थली मालासेरी डूंगरी मंदिर पर आज भगवान श्री देवनारायण के 1113 वे जन्मोत्सव को बड़े ही उत्साह के साथ धूमधाम से मनाया गया. इसके तहत मंदिर परिसर में सांस्कृतिक …और पढ़ें

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साडू माता के पीहर से आई 1113 मीटर की चुनरी

हाइलाइट्स

  • मालवा से लाई गई 1113 मीटर की चुनरी ओढ़ाई गई.
  • भगवान श्री देवनारायण का 1113वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया.
  • देशभर से भक्त मालासेरी डूंगरी मंदिर पहुंचे.

भीलवाड़ा. राजस्थान के मेवाड़ और मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र का प्राचीन समय से ही अनोखा अटूट रिश्ता रहा है और यह रिश्ता आज भी बरकरार है और आज के इस आधुनिक दौर में यह श्रद्धा और आस्था के रूप में सामने आ रहा है. कुछ ऐसा ही एक नजारा भीलवाड़ा जिले के आसींद में देखने को मिला. जहां मालासेरी डूंगरी पर भगवान श्री देवनारायण के 1113 वें जन्मोत्सव के उपलक्ष पर मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र से यानी कि देवनारायण भगवान की माता साडू के पीहर पक्ष से जन्मोत्सव को लेकर 1113 मीटर की चुनरी ओढ़ाई गई है. यह नजारा अपने आप में मध्य प्रदेश और राजस्थान के प्राचीन अटूट रिश्ते को दर्शाता है. यह भीलवाड़ा जिले सहित पूरे देश भर के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. यही नहीं जन्मोत्सव को लेकर भगवान श्री देवनारायण के बाल स्वरूप को 1113 कमल के पुष्पों से आकर्षक रूप से सजाया गया और 1113 दीप प्रज्वलित कर महाआरती के साथ भगवान श्री देवनारायण जी का जन्मोत्सव मनाया गया.

वहीं इस दौरान मध्य प्रदेश के मालवा से आए श्रद्धालुओं द्वारा 1113 मीटर की चुनरी ओढ़ाई गई जो हर किसी व्यक्ति के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई. इसकी लंबाई मंदिर के गर्भगृह से लेकर मंदिर की चौखट तक पहुंच रही जो अपने आप में एक अद्भुत नजारा मंदिर में आने वाले लोगों को दिखाई दे रहा है. इसके साथ ही भगवान के 1113 कमल पुष्प से श्रृंगार आकर्षक श्रृंगार किया गया और 1113 दीप प्रज्वलित कर महाआरती के साथ भगवान श्री देवनारायण जी का जन्मोत्सव मनाया एवं भगवान की बाल प्रतिमा की आकर्षक सजावट की गई.

भारत देश भर से आए भक्त
मालासेरी देवनारायण मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल ने कहा कि भीलवाड़ा जिले के मारवाड़ ग्राम पंचायत के मालासेरी डूंगरी देवनारायण जन्म स्थली पर भगवान श्री देवनारायण का 1113 वा जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया है. इसके तहत सुबह मालासेरी डूंगरी पर श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया. भगवान श्री देवनारायण जी की बाल प्रतिमा के दर्शन करने के लिए देश- प्रदेश बेंगलुरु हैदराबाद , चेन्नई , मद्रास , मुंबई , बड़ौदा , अहमदाबाद , सूरत , राजस्थान और हरियाणा – पंजाब, उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश दिल्ली सहित पूरे भारत भर से देव भक्तों ने आकर दर्शन के लिए पहुंचे हैं.

साडू माता के पीहर से आए श्रद्धालु
मध्य प्रदेश के देवास जिले से माता साडू के पीहर ( माइका ) मालवा अंचल से भक्तों द्वारा दसवीं विशाल चुनरी यात्रा आई जो चुनरी यात्रा में शामिल समस्त देव भक्तों का मंदिर समिति एवं पुजारी द्वारा स्वागत किया गया. भगवान श्री देवनारायण की जन्मस्थली मालासेरी डूंगरी में मालवा से लाई गई 1113 मीटर की विशाल चुनरी ओढ़ाई गई इस विशाल चुनरी की पहले मालासेरी डूंगरी में देव भक्त द्वारा परिक्रमा की गई वहीं परिक्रमा के बाद यह चुनरी चारो और उड़ाई गई. डूंगरी पर हुआ था भगवान श्री देवनारायण का अवतार -भगवान विष्णु के छठे अवतार श्री देवनारायण जी ने संवत 968 माही सप्तमी को मालासेरी डूंगरी पर कमल पुष्प के अवतरित हुए थे इसी स्थान पर माता साडू ने कई सालों कर तक अखंड तपस्या की , अखंड तपस्या के बाद भगवान विष्णु ने अवतार लेने की आकाशवाणी की जिसके बाद में सप्तमी को सुबह 4:00 बजे मालासेरी की डूंगरी के चट्टानों को फाड़कर कमल का पुष्प निकल यहां पर कमल के पुष्प पर भगवान श्री देवनारायण जी ने अवतार लिया.

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राजस्थान-मध्य प्रदेश का अटूट रिश्ता, साडू माता के पीहर से आई 1113 मीटर चुनरी

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