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मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये उपाय, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति, बरसने लगेगी पूर्वजों की कृपा! जानें उज्जैन के ज्योतिषी से

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Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष महीने में पड़ने वाली अमावस्या पर तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश यह कर्म न कर पाए, तो कुछ विशेष दीपक उपायों के माध्यम से भी पितरों का आशीर्वाद पाया जा सकता है.

Margashirsha Amavasya Upay: हिंदू धर्म में हर तिथि हर वार का अत्यधिक महत्व शास्त्रों में बताया गया है. मार्गशीर्ष का महीना दान-पुण्य के लिए बेहद शुभ माना जाता है. साथ ही अमावस्या की तिथि बड़ी पावन और विशेष मानी गई है. साल में 12 अमावस्या की तिथियां पड़ती हैं. मार्गशीर्ष महीने में पड़ने वाली अमावस्या इसे अगहन अमावस्या भी कहा जाता है. साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है. इस दिन तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, लेकिन यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश यह कर्म न कर पाए, तो कुछ विशेष दीपक उपायों के माध्यम से भी पितरों का आशीर्वाद पाया जा सकता है.

उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, वैदिक, इस बार तिथि की शुरुआत 19 नवंबर, बुधवार को सुबह 9 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी. यह तिथि 20 नवंबर, गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी. ज्योतिष के नियम उदयातिथि को प्रमुख मानते हैं. 20 नवंबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि रहेगी. इसलिए मार्गशीर्ष अमावस्या की 20 नवंबर को यानी कल मनाई जाएगी.

चार स्थानों पर जरूर लगाएं दीपक
1. माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए घी या सरसों के तेल का दीपक जलाएं. साथ में एक लोटा जल रखें और दरवाजा खुला रखें. इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और लक्ष्मी जी का आगमन होता है.
2. यह दीपक सरसों के तेल का होना चाहिए. पौराणिक मान्यता है कि अमावस्या की शाम पितर धरती से अपने लोक की ओर लौटते हैं. उन्हें मार्ग में प्रकाश मिले तो वे प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
3. घर में जहां आपने पितरों की तस्वीर लगाई हो, वहां दीपक जलाएं. यह श्रद्धा का प्रतीक है और आत्मिक संबंध को मजबूत करता है.
4. इस दिन पीपल की पूजा विशेष फलदायी होती है. पीपल के नीचे देवताओं के लिए तिल के तेल और पितरों के लिए सरसों के तेल का दीप जलाएं. इन सरल लेकिन श्रद्धा से भरे उपायों से पितृदोष शांत होता है, और जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति का संचार होता है. दीप से न सिर्फ अंधकार दूर होता है, बल्कि आत्मा भी आलोकित होती है.

Vibhanshu Dwivedi

विभांशु द्विवेदी मूल रूप से मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के रहने वाले हैं. पत्रकारिता में 5 साल का अनुभव है. इन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर से पत्रकारिता एवं जनसंचार की पढ़ाई की है. पॉलिटिक…और पढ़ें

विभांशु द्विवेदी मूल रूप से मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के रहने वाले हैं. पत्रकारिता में 5 साल का अनुभव है. इन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर से पत्रकारिता एवं जनसंचार की पढ़ाई की है. पॉलिटिक… और पढ़ें

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मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये उपाय, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति, जानें…

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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