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मार्गशीर्ष मास का अंतिम प्रदोष व्रत कब? उज्जैन के आचार्य से जानें महत्व, शुभ मुहूर्त और नियम

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उज्जैन. प्रदोष व्रत का शास्त्रों मे विशेष महत्व है. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित माना जाता है. मान्यता है कि इस खास दिन पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव की कृपा से सुख-समृद्धि और जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है. दरअसल, एक महीने में 2 प्रदोष व्रत होते हैं. इस दिन सुबह से शाम तक व्रत किया जाता है और विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. आइए उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज से जानते हैं दिसम्बर के पहले और मार्गशीर्ष मास के अंतिम प्रदोष व्रत की महिमा…

दिसंबर में इस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 12 दिसंबर को देर रात 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, 13 दिसंबर को शाम 07 बजकर 40 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी. ऐसे में 13 दिसंबर को प्रदोष व्रत को किया जाएगा. इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 40 मिनट तक है.

जानिए क्या है प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व
भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को आरोग्यता, गुण, ऐश्वर्य, धन, समृद्धि इत्यादि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही भगवान शिव उपासना करने से कुंडली में उत्पन्न हो रही कई प्रकार के ग्रह दोष भी दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इसके साथ प्रदोष व्रत के दिन दान-पुण्य करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है और व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. गुरु प्रदोष व्रत रखने से लोगों को शिव पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. शिव कृपा से भक्तों के सभी दुखों और कष्टों का निवारण हो जाता है. इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होगा और दांपत्य जीवन की समस्याएं खत्म होती हैं.

इन नियमों का जरूर करें पालन
1. प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें.
2. इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करके भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें.
3. शिव परिवार का पूजन करें और भगवान शिव पर बेल पत्र, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें. फिर प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें.
4. पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें और शिव चालीसा का पाठ जरूर करें. इसके बाद ही अपना उपवास खोलें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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