ओम प्रयास /हरिद्वार. हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में कुल 24 एकादशी का आगमन होता है. सभी एकादशी का हिंदू धर्म में अलग-अलग महत्व बताया गया हैं. हिंदू कैलेंडर के एक महीने को दो पक्षों में विभाजित किया गया हैं. ऐसे ही साल में कुल 24 पक्ष आते हैं, जिनमें 12 कृष्ण पक्ष और 12 शुक्ल पक्ष होते हैं. एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित दिन होता है. इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखकर पूजा पाठ करने, भगवान विष्णु की आराधना, मंत्रो का जाप आदि करने पर विशेष लाभ प्राप्त होता है. मार्गशीर्ष मास भगवान विष्णु को सबसे अधिक प्रिय मास है. इस मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को देवी एकादशी का जन्म हुआ था, जिसे उत्पन्ना एकादशी के रूप में मनाने का विधान है. इसके बाद मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष में मोक्षदा एकादशी का आगमन होता है. कहा जाता है कि इस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा, एकादशी का व्रत विधि विधान से करने पर मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं.
हजार अश्वमेध यज्ञ का मिलेगा फल
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी के बारे में ज्यादा जानकारी Bharat.one को देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि साल में 24 एकादशी आती हैं, जिनमें मार्गशीर्ष माह में उत्पन्ना एकादशी और मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व होता है. उत्पन्ना एकादशी को महाशक्ति देवी एकादशी का जन्म हुआ था, तो उसके ठीक अगले पक्ष शुक्ल पक्ष में मोक्षदा एकादशी आती है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन एकादशी का व्रत करने, भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करने से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार मोक्षदा एकादशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से हजार अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल की प्राप्ति होती है. ऐसा भी कहा जाता है कि मोक्षदा एकादशी पर प्राप्त फल और भगवान विष्णु का आशीर्वाद कभी खत्म नहीं होता है.
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से मिलेगा मोक्ष
मोक्षदा एकादशी के दिन विधि विधान से एकादशी का व्रत का पालन करने पर कभी ना खत्म होने वाला फल प्राप्त होता है और मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि ब्रह्म मुहूर्त में स्नानादि करके एकादशी के व्रत का संकल्प करें और सूर्योदय के समय अपने घर के देवालय या भगवान विष्णु के सिद्ध पीठ मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करें. मोक्षदा एकादशी पर विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. एकादशी के दिन चावल या चावल से बनी कोई भी सामग्री ग्रहण करना वर्जित होता है. यदि इस दिन चावल या चावल से बनी सामग्री ग्रहण की जाए तो इसका विपरीत फल प्राप्त होता है. मोक्षदा एकादशी के व्रत से मोक्ष की प्राप्ति और मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं और जन्म मरण के सारे बंधन टूट जाते हैं.
FIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 12:47 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
