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Haridwar News : हरिद्वार हमेशा से हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र रहा है, जहां तीज त्योहार पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. लेकिन दशहरे के बाद जो लोग पहुंचे, निराश हो गए. उनका गुस्सा साफ दिखा. Bharat.one ने उनसे बात की.
हरिद्वार. उत्तराखंड का हरिद्वार हमेशा से चर्चित रहा है. हरिद्वार यानि भगवान का द्वार जहां देश-विदेश से लोग मोक्ष पाने की कामना को लेकर गंगा स्नान और धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए आते हैं. हरिद्वार हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां तीज त्योहार पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है. गंगा का उद्गम गंगोत्री से माना गया है जिसके बाद गंगा की धारा पहाड़ों से होकर समतल क्षेत्र हरिद्वार में सबसे पहले आती है. हरिद्वार में गंगा की कई धाराएं हैं जिसमें से एक धारा विश्व प्रसिद्ध हरिद्वार हर की पैड़ी से होकर जाती है. हर की पैड़ी का जिक्र कई धार्मिक ग्रंथों में है. हर की पैड़ी पर कोई भी धार्मिक कार्य करने पर संपूर्ण से अधिक फल की प्राप्ति होने की मान्यता है. हर वर्ष करीब 20 दिनों के लिए गंगा बंद की जाती है. इस दौरान गंगा में मरम्मत और साफ सफाई का काम किया जाता है.
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओई अनुज बंसल बताते हैं कि दशहरे की रात से लेकर दीपावली तक गंगा बंद की जाती है, जो हरिद्वार से लेकर कानपुर तक जाती है. लहरों के चलते हुए जो काम नहीं हो सकते, वह किए जाते हैं. इस दौरान गंगा नहर में साफ सफाई और मरम्मत का कार्य किया जाता है. अपने प्रिय जनों का अस्थि प्रवाह करने आए दिल्ली निवासी मोहित अग्रवाल बताते हैं कि हरिद्वार में अस्थि विसर्जन का बहुत अधिक महत्त्व है. वह अपनी दिवंगत ताई की अस्थि विसर्जन करने आए थे, लेकिन हर की पैड़ी पर जल नहीं है, जिसे देखकर उनकी आस्था पर ठेस पहुंची है. उन्होंने रुके हुए जल से ही अपने मुंह पर पानी के छींटे डाले.
भावनाएं आहत
उत्तरकाशी के रहने वाले 87 वर्षीय सुभाष बताते हैं कि वह अपनी पत्नी के साथ हरिद्वार गंगा स्नान करने आए थे, लेकिन हर की पैड़ी पर जल नहीं है, जिसे देखकर उनकी भावनाएं काफी आहत हुई हैं. उन्होंने कहा कि गंगा में साफ सफाई चल रही है, लेकिन हर की पैड़ी एक तीर्थ स्थल है, जहां श्रद्धालुओं का आगमन होता रहता है. हर की पैड़ी पर इतना जल होना चाहिए जिसमें श्रद्धालु गंगा स्नान और धार्मिक अनुष्ठान कर सकें.
हर साल ऐसा
Bharat.one से बातचीत में हरिद्वार के पंडित जितेंद्र शास्त्री बताते हैं कि दशहरे से दीपावली तक गंगा बंद की जाती है. ऐसा हर साल होता है, लेकिन हर की पैड़ी ब्रह्मपुर घाट पर जल की मात्रा रहती है जिससे हरिद्वार आने वाले यात्री श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठान गंगा स्नान आदि कर सकें. इस साल हरिद्वार हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड घाट पर पानी पूरी तरह सूख चुका है, जो श्रद्धालुओं की आस्था पर ठेस है. वह बताते हैं कि श्रद्धालु हजारों किलोमीटर दूर से अस्थि विसर्जन, पिंडदान आदि करने आ रहे हैं, लेकिन गंगा में कम पानी को देखकर मायूस हो रहे हैं.
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
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